बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति में अब पूरे देश के लोग पात्र होंगे। क्योंकि, राज्य कैबिनेट ने शिक्षक बहाली में शामिल होने के लिए बिहार के स्थायी निवासी होने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। इसके लिए शिक्षक नियुक्ति की नयी नियमावली में बदलाव किया गया है।

बदलाव के बाद किसी भी राज्य के योग्य अभ्यर्थी बिहार में शिक्षक के लिए आवेदन कर सकेंगे। पहले आवेदन करने के लिए बिहार का स्थायी निवासी होना अनिवार्य था। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव पर सहमति दी गई।कैबिनेट की बैठक में इसके अलावा 24 अन्य प्रस्ताव भी स्वीकृत किए गए। नए संशोधन के बावजूद अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों को सामान्य अभ्यर्थी के तहत ही आवेदन की सुविधा मिलेगी। राज्य के अभ्यर्थियों को मिलने वाली आरक्षण समेत अन्य सुविधाएं नहीं मिलेंगी।

🔵15 जून 2023 से इसके लिए आवेदन लिया जा रहा है। 12 जुलाई तक अभ्यर्थी अपना आवेदन कर सकते हैं।

बिहार शिक्षक बहाली के नियमों में बड़ा संशोधन हुआ है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में बिहार राज्य अध्यापक नियुक्ति, स्थानांतर व अनुशासनात्मक कार्रवाई सेवा शर्त नियमावली में संशोधन को मंजूरी दी गई है। शिक्षक बहाली में बिहार के स्थायी निवासी होने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। यानी कि अब दूसरे राज्य के अभ्यर्थी भी बिहार शिक्षक भर्ती में हिस्सा ले सकेंगे और टीचर बन सकेंगे। मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। नीतीश कैबिनेट की बैठक में कुल 25 एजेंडे मंजूर किए गए।

अनिवार्यता हुआ समाप्त

शिक्षक बहाली नियमावली के मुताबिक अब तक अध्यापक नियुक्ति में अभ्यर्थी के बिहार का निवासी होना अनिवार्य था। राज्य सरकार ने यह अनिवार्यता खत्म कर दी है। अब देशभर के अभ्यर्थी बिहार की शिक्षक बहाली के लिए आवेदन कर सकेंगे। यूपी, झारखंड समेत आसपास के राज्यों के युवाओं को भी बिहार में शिक्षक की नौकरी के लिए आवेदन का मौका मिल सकेगा। नीतीश कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में इस एजेंडे पर मुहर लगाई है। 

राज्य में नई नियमावली के तहत शिक्षक बहाली योजना में अब देश भर के अभ्यर्थी भाग ले सकेंगे। पूर्व में यह योजना सिर्फ बिहार के शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए ही थी। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई। बताते चलें कि बिहार सरकार ने एक लाख 70 हजार टीचरों की भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया है।

बिहार में बढ़ सकता है गतिरोध
नीतीश कैबिनेट के इस फैसले से बिहार के शिक्षक अभ्यर्थियों के बीच नाराजगी बढ़ सकती है। इससे पहले भी सरकार ने नियुक्ति नियमावली में बदलाव किया था। इसके तहत नियोजित शिक्षकों को राज्य स्तर का दर्जा दिलाने के लिए उनकी नियुक्ति बीपीएससी के तहत की जाएगी। इससे बिहार के नियोजित शिक्षक लंबे समय से नीतीश सरकार के खिलाफ आंदोलन छेडे़ हुए हैं। 

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