बहुआयामी समाचार ब्यूरो प्रमुख इन्द्र जीत सिंह वर्मा
फतेहपुर बाराबंकी
बहन के आचरण से नाराज भाई ने बांके से कई वार करते हुए एक हाथ काटा फिर गला काटकर उसकी निर्मम हत्या कर दी।
हत्या के बाद बहन का सिर लेकर वह कोतवाली की ओर चल पडा। यह नजारा देख गांव वासियों की चीख निकल गई।
रास्ते मे पुलिस ने हत्यारे भाई व हत्या मे प्रयुक्त बांके को कब्जे मे ले लिया है। पुलिस ने पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया है।
फतेहपुर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी नाबालिग लडकी कुछ दिन पूर्व अपने प्रेमी संग फरार हो गई थी। जिसको पुलिस ने बरामद किया था।
लडकी तो घर आ गई थी लेकिन प्रेमी युवक को जेल भेज दिया गया था। इस घटना के बाद परिवार में काफी विवाद शुरू हो गया था।
शुक्रवार को लडकी के भाई मो0 रियाज ने घर से कुछ ही दूर पर स्थित उसे अपने अहाते किसी से फोन पर बात करते हुए देख लिया और आवेश में आकर बांके से वार कर पहले उसका एक हाथ काटकर शरीर से अलग कर दिया
फिर ताबड़तोड़ वार करते हुए उसका सिर धड़ से अलग कर दिया और उसे हाथ में लेकर कोतवाली जाने के लिए गांव से चल पडा।
फतेहपुर लहसी मार्ग के पास पुलिस ने युवक को धर दबोचा और कोतवाली ले आई। घटना की सूचना मिलते ही काफी संख्या मे पुलिस बल मौके पर पहुंच गया, और शव को कब्जे मे लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
मृतक के पिता की तहरीर पर पुलिस ने पुत्र पर मुकदमा पंजीकृत किया है। मिठवारा निवासी अब्दुल रसीद सब्जी की फेरी लगाकर परिवार चलाते हैं। उनके तीन बेटे सिराज, रियाज, मेराज व चार बेटियां थी जिनमें रूकैया खातून की शादी होचुकी है,
मृतका आसिफा दूसरे नम्बर की थी जबकि सना खातून आठवीं व सबसे छोटी रूआदा खातून पांचवी पास कर घर में ही रहती है। परिवार की आर्थिक स्थिति जर्जर है,
सात सदस्य एक ही कमरे में रहते हैं जबकि सबसे बड़ा बेटा अलग रहता है वहीं
पुलिस के मुताबिक आसिफा को भगा ले जाने वाला चांदबाबू अभी जेल में है जबकि गांव में चर्चा है कि चांदबाबू का फूफा सिराज जो लखनऊ का निवासी बताया जाता है।
लगभग दस दिन पूर्व उसे जेल से छुड़ा चुका है, चार-पांच दिन पूर्व वह गांव के किनारे देखा भी गया था लेकिन घर नहीं आया था।
चर्चा यह भी है कि शुक्रवार की सुबह गांव में ही तालाब के पास स्थित हाते में आसिफा किसी से मोबाइल पर बात कर रही थी तभी वहां रियाज पहुंच गया और उसने आवेश में आकर घटना को अंजाम दे दिया।
दो माह पूर्व दिल्ली लौटा था रियाज
रियाज दिल्ली में रहकर बर्तन ढलाई का काम करता था।
दो माह पूर्व आसिफा के भागने के बाद वापस गांव आ गया था तब से गांव मेें ही रहकर सब्जी बेचने का काम करता था।