उत्तर प्रदेश जनपद बिजनौर
बिजनौर। बरसात के बाद से आई फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। ऐसे में लोगों को सतर्कता बरतने की जरूरत है। लापरवाही बरतने पर आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है। वायरस सक्रिय होने से आंखों में संक्रमण हो रहा है। बरसात के बाद कई तरह की बीमारियां होने का खतरा बढ़ गया है। मेडिकल अस्पताल में रोजाना आई फ्लू के मरीज अधिक पहुंच रहे हैं। नेत्र रोग विशेषज्ञ मरीजों को धूप में कम निकलने की सलाह दे रहे हैं बरसात के बाद तेज धूप निकलने से सभी वायरस सक्रिय हो जाते हैं। जो आंखों के लिए सबसे ज्यादा परेशानी पैदा कर रहे हैं। इस मौसम में हवा के साथ प्रदूषण और नमी के चलते फंगल इन्फेक्शन की समस्याएं बढ़ती हैं। इस मौसम में फंगल इंफेक्शन बढ़ने से आंखों का ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है। आई फ्लू संक्रमण कंजक्टिवा पर सूजन की वजह से होता है कंजक्टिवा पतली झिल्ली होती है, जो आंख के सफेद भाग और पलकों की आंतरिक परत को कवर करती है। कम तापमान और ज्यादा आर्द्रता के कारण लोग बैक्टीरिया, वायरस के संपर्क में आ रहे हैं। जिससे आई फ्लू होने का खतरा बढ़ गया है। अस्पताल में बच्चे और बड़े दोनों ही मरीज आ रहे हैं। संक्रमित व्यक्ति का सामान उपयोग करने से यह संक्रमण दूसरे स्वस्थ व्यक्ति को भी हो रहा है।
—- आई फ्लू के ये हैं लक्षण
- आंखें लाल होना
- आंखों में सूजन आना
- आंखों में खुजली होना
- आंखों में जलन होना
- आंखों से सफेद चिपचिपा पदार्थ निकलना
- आंखों से अधिक आंसू आना
— आई फ्लू से ऐसे करें बचाव- संक्रमित व्यक्ति की तौलिया, रुमाल या अन्य निजी वस्तुएं साझा न करें
- हाथों से बार-बार आंखों न छुएं
- ताजे पानी से बार-बार मुंह धोते रहें
- आंखों पर पानी के तेज छीटें नहीं मारें
- साफ कपड़े पहनें
- अपने तकिए के कवर को बार-बार बदलें.
- कुछ भी समस्या दिखाई देने पर चिकित्सक से संपर्क करे.
- ब्यूरो चीफ मोहम्मद फैज़ान की रिपोर्ट