लखनऊ।प्रदेश में अगले साल से छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई के लिए न्यूनतम 75 फीसदी बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य होगी। यह नियम इंटरमीडिएट से ऊपर के सभी शिक्षण संस्थानों पर लागू होगा। साथ ही एक कोर्स बीच में छोड़कर सरकारी प्रवेश प्रक्रिया (एंट्रेंस) के जरिये दूसरे कोर्स में एडमिशन लेने पर छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई की सुविधा बंद नहीं होगी।

एक कोर्स छोड़ एंट्रेंस के जरिये दूसरे कोर्स में जाने पर बंद नहीं होगी छात्रवृत्ति

🔵प्रदेश में वर्ष 2025-26 से उन्हीं संस्थानों के छात्रों को यह सुविधा मिलेगी, जिन्हें नैक या समकक्ष संस्थाओं से ग्रेडिंग हासिल होगी।

इसके लिए नई नियमावली तैयार कर ली गई है, जिसके अगले सप्ताह जारी होने की पूरी संभावना है। यूपी में अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों को ढाई लाख रुपये तक और अन्य वर्ग के छात्रों को दो लाख रुपये तक सालाना परिवार की आमदनी होने पर यह सुविधा मिलती है। हर साल सभी वर्गों के 50 लाख से ज्यादा छात्र इस योजना का लाभ पाते हैं।प्रस्तावित नियमावली में छात्रों की उपस्थिति पर काफी जोर दिया गया है। बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य होने से वास्तविक छात्र ही योजना का लाभ ले पाएंगे। अनुमान है कि इससे हर साल करीब 10 फीसदी बजट बचेगा। ऐसे में कोई भी पात्र छात्र बजट के अभाव में भुगतान से वंचित नहीं रहेगा।अभी तक लागू नियमों के तहत अगर कोई छात्र स्नातक स्तर की पढ़ाई बीच में छोड़कर स्नातक स्तर के ही किसी दूसरे व्यावसायिक पाठ्यक्रम में दाखिला लेता है तो उसे न्यूनतम एक साल तक इस योजना का लाभ नहीं मिलता है। प्रस्तावित नियमावली लागू होने पर ऐसा नहीं होगा ।

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