आज दिनांक 28 सितम्बर 2023 को पुनः अतीत के एक मिसाली वाक़या का आम जनमानस के सामने लाना ज़रूरी हो गया है क्यों कि अमन विरोधी भी बड़ी तेज़ी से सक्रिय होगये हैं मानो उन चन्द गिनती के लोगों ने हमारे मिशन को नाकाम करने की ठान ली हो,गो कि किसी शायर के मुताबिक़ “यादे माज़ी अज़ाब है या रब” लेकिन हरदिल अज़ीज़ स्व अटल बिहारी बाजपेई जी के अनुसार “हार नहीं मानूंगा” को मानते हुए हमारा मिशन जारी रहेगा।वाक्या यूं है कि – काशी में माननीय प्रधानमंत्री जी के ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ धाम के निर्माण हेतु विश्वनाथ मंदिर तथा ज्ञानबाफी मस्जिद बैरिकेडिंग छोड़कर सम्पूर्ण ज्ञान बाफी अहाता तथा उसके बाहर प्राचीनतम भवनों,मन्दिरों,विग्रहों आदि का हटाया जाना ज़रूरी था इसकेलिए सभी उपलब्ध विकल्प अपनाए गए। ज्ञानबाफी मस्जिद के सामने व्यासपीठ हुआ करती थी जिस का अपना इतिहास था व्यास जी लोगों के अनुसार ज्ञानबाफी मस्जिद और विश्वनाथ मंदिर को छोड़कर सम्पूर्ण अहाता उनकी मिल्कियत है हमारे और उनके दरमियान शरीफाना विवाद भी था अक्सर प्रशासन मध्यस्था कर निराकरण कराता था जैसे 1954 में तत्कालीन सिटी मैजिस्ट्रेट ,व्यास परिवार से श्री चीमन लाल व्यास, श्री बैजनाथ व्यास, श्री सोमनाथ व्यास तथा अंजुमन मसाजिद की तरफ से सदर,सेक्रेट्री ने हस्ताक्षर किए। 1995मेंश्री सोमनाथ व्यास, अंजुमन मसाजिद की तरफ से सेक्रेट्री, संयुक्त सचिव तथा प्रशासन से श्रीमान ए डी एम सिटी व एस पी सिटी के हस्ताक्षर हुए। परन्तु समय का चक्र देखिए पूरा व्यास परिवार की सैकड़ों वर्षों की रिहाइश ही नहीं पूरा व्यास पीठ ज़मीनदोज़ करदिया गया।एसे कठिन समय में व्यास परिवार के योगेन्द्र नाथ व्यास व जितेंद्र नाथ व्यास पूर्व मंत्री श्री वीरेंद्र सिंह के सम्पर्क में आए जिन्होंने इस नाचीज़ से इन लोगों की मदद के लिए कहा इसलिए व्यास परिवार ही नहीं व्यास पीठ की सुरक्षा के लिए जितेंद्र नाथ व्यास को प्रथम मुद्दई के रूप में अंजुमन मसाजिद ने अपने खर्च पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल किया। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने विकास को तरजीह देकर याचिका खारिज कर दिया ।हमें इस बात का जीवन भर अफसोस रहेगा कि हम व्यास पीठ नहीं बचासके और न ही व्यास परिवार को तितर-बितर होने से बचा सके। ताजमहल पर किसी शायर ने कहा था कि –“एक शहंशाह ने बनवा के हसीन ताजमहल हम ग़रीबों की मुहब्बत का उड़ाया है मज़ाक़”हम इस बात पर सदैव फख्र करेंगे कि अंजुमन मसाजिद ने हमारा बनारस और साझी विरासत को ज़िन्दा रखने की कोशिश की।आप सबकी दुआओं का तलबगार हमारा बनारस साझी विरासत का एक अदना सिपाहीएस एम यासीन संयुक्त सचिव अंजुमन मसाजिद वाराणसी ।