जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा है कि किसान बंधु जिले में संचारी रोग नियन्त्रण अभियान 02.अप्रैल, 2022 से चल रहा है। इस अभियान में चूहा एवं छंछूदर नियंन्त्रण हेतु कृषको को भी जागरूक किया जा रहा है। कृषि विभाग द्वारा गठित टीमें गॉंव गॉंव जाकर किसानो को चूहा एवं छंछूदर नियंन्त्रण हेतु जागरूक कर रही है। जिस से समय रहते चूहा एवं छछॅूंदर द्वारा होने वाली वीमारियों से बचा जा सके।
1- स्क्रव टाइफस(जीवाणू रिक्टीसिया सुसुगामुशी) यह वीमारी चूहों पर पाये जाने वाले पिस्सू  के काटने से फैलती है। यह पिस्सू जव मनुष्य या अन्य जीव के सम्पर्क में आता है तो काट कर खून चूसता है और हानि कारक वैक्टीरिया शरीर में छोडं देता है।
लक्षण-ः ग्रसित व्यक्ति को सर्व प्रथम बुखार आता है फिर शरीर में तेज खुजली होने लगती है और शरीर में दाने वन जाते है तथा गिलटिंया सूज जाती है।
बचावः- चिकित्सक से शीघ्र अतिशीघ्र परामर्श करें तथा चूहों को पकड कर या रासायनिक दवाइयों से मारकर विना हाथ लगाये गढढों में दवा देना चाहिये या फिर मिट्टी का तेल डालकर जला देना चाहिये।
2-लेप्टो स्पायरोसिस वीमारी-ः लेप्टो स्पायरोसिस वीमारी एक जीवाणू रोग है जो मनुष्यों व जानवरो को प्रभावित करता है। यह लैप्टोस्पिरा जीन्सं के कारण होता है। यह वैक्टिरिया  संक्रमित चूहो के मूत्र से फैलता है।
लक्षण-ःतेज बुखार,सिर दर्द,सर्दी लगना,मांसपेशियों व पेट में दर्द,उल्टी दस्त आदि।
बचाव-ः चिकित्सक को जल्द से जल्द दिखायें एवं उचित परामर्स लें,पालतू जानवरो को टीके जरूर लगवायें।
उपाय-ः रासयायनिक रूप से चूहों के नियंन्त्रण के लिये जिकं फासफाईड नामक दवा की10 ग्राम मात्रा 500 ग्राम आटें में मिलाकर चूहों के बिलो के पास रख दें जिसे चूहे खाकर मर जाये। अघिक समय तक जमें पानी या नालियों में मच्छरों का प्रजनन रोकने के लिये उचित साफ सफाई करें,तथा अपने घरों व आसपास का वातावरण साफ स्वच्छ रखें शोचालयों का प्रयोग करें। मच्छर रोधी पौधो जैसे सिन्ट्रोनेला घास लेमन घास ,नीवू तुलसी मेंहदी व गेंदा आदि लगायें।

✍️ ब्यूरो रिपोर्ट आलोक मालपाणी बदायूं

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