लखनऊ। सिपाही नागरिक पुलिस के 60,244 पदों पर सीधी भर्ती के लिए शनिवार और रविवार को आयोजित लिखित परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने के दावों समेत सभी पहलुओं की जांच के लिए उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने आंतरिक जांच समिति का गठन किया है। भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष डीजी रेणुका मिश्रा ने एडीजी /सदस्य सचिव के नेतृत्व में समिति का गठन कर स्पष्ट किया कि यह समिति आगामी परीक्षाओं में सुधार के उद्देश्य से गठित की गई है।
भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष ने बताया कि प्रश्नपत्र लीक होने को लेकर अभी तक असत्यापित सूचनाएं सामने आई हैं। ये सूचनाएं परीक्षा होने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल की गईं। परीक्षा शुरू होने से पहले प्रश्न पत्र लीक होने का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। वहीं, अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र अपने साथ ले जाने की अनुमति भी दी गई थी। इसी वजह से पेपर लीक के दावों से जुड़े हर पहलू की जांच के लिए समिति गठित की गई है।
समिति कुछ केंद्रों में वितरित प्रश्न पत्रों में छपाई संबंधी त्रुटियों, प्रश्न पत्र पहुंचने में देरी, एडमिट कार्ड में छेड़छाड़ की जांच भी करेगी। इसके अलावा जिन अभ्यर्थियों को अनुचित साधनों का इस्तेमाल करते हुए पकड़ा गया है, वह दोबारा परीक्षा नहीं दे सकें, इसकी संस्तुति भी करेगी। समिति की रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में होने वाली परीक्षाओं को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी।
वहीं, सोमवार को पेपर लीक की एफआईआर नहीं होने के विरोध में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने वैश्विक निवेश सम्मेलन के शिलान्यास समारोह में प्रदर्शन करने की घोषणा की, हालांकि उनको लखनऊ पुलिस ने हिरासत में ले लिया और उनको वापस घर पर छोड़ दिया।
अचानक वायरल होने लगे पेपर लीक के मैसेज
दरअसल, रविवार को परीक्षा के बाद पेपर लीक होने को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर दिया था। इसके बाद तमाम हँडल से पेपर लीक होने के दावे होने लगे। इनमें से तमाम हैंडल कोचिंग संस्थाओं के नाम वाले थे, जिसके बाद भर्ती बोर्ड ने अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया है कि वह प्रत्येक परीक्षा की पारदर्शिता और शुचिता को बनाए रखने के लिए कटिबद्ध है। वृहद स्तर पर परीक्षा के सकुशल संपन्न होने के बाद ट्रेंड कराई जा रही असत्यापित खबरों की बोर्ड द्वारा यूपी पुलिस की मदद से जांच कराई जाएगी।