शुभम पटेल ब्यूरो चीफ

सीतापुरसांडा ( सीतापुर) बात करते हैं विकास खंड सकरन क्षेत्र की ग्राम पंचायत उमरा खुर्द की जहां अर्ध निर्मित पंचायत भवन अपने आप में बहा रहा आंसू, वित्तीय वर्ष गुजर जाने के बाद भी पंचायत भवन का कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ अगर बात करें ग्राम पंचायत विकास की तो चाहे पूर्व प्रधान राजेंद्र यादव जी हो चाहे वर्तमान प्रधान ज्ञानवती जी हो दोनों प्रधानों द्वारा चाहे विद्यालय का कायाकल्प करवाने के संबंध में हो चाहे शौचालय निर्माण हो चाहे सार्वजनिक शौचालय हो चाहे कैटल शेड निर्माण हो पूर्व प्रधान से लेकर के वर्तमान प्रधान तक सरकार के पैसों का बंदरबांट कर अपनी जेबे भरने का काम किया गया है इन सभी कार्यों में ब्लॉक स्तर पर बैठे ग्राम विकास अधिकारी कि बिना मिलीभगत के संभव नहीं हो सकता इससे साफ साबित होता है कि ब्लॉक स्तर पर बैठे ग्राम विकास अधिकारी की मिलीभगत के चलते ही यह सब खेल खेला जा रहा हैलेकिन उच्च अधिकारियों द्वारा अभी तक उमरा खुर्द ग्राम पंचायत की जांच कर ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी पर कार्यवाही करना उचित नहीं समझा गया जबकि ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं की धज्जियां उड़ाने का काम कर रहे हैं और विभागीय अधिकारी मुख दर्शक बनकर बैठे हुए हैं उमरा खुर्द ग्राम पंचायत में बात यहीं तक सीमित नहीं रह जाती मनरेगा के अंतर्गत भी किए हुए कार्य चक बंद पटाई के नाम पर घास छिलवाकर पैसे निकाल लिए गये लेकिन ब्लॉक स्तर पर बैठे उच्च अधिकारियों द्वारा मौके की जांच करना उचित नहीं समझा गया जबकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत उमरा खुर्द अगस्त 2021 में पंचायत भवन निर्माण हेतु मटेरियल भुगतान मनरेगा योजना से हुआ था 612000 से भी ज्यादा रुपयों का भुगतान के बाद अभी तक पंचायत भवन की प्लास्टर एवं फर्श नहीं लग सकी जबकि आधे से ज्यादा कार्य होना बाकी है इससे साफ समझ में आता है कि आला अधिकारियों की नजर में कार्य पूर्ण हो चुका है कार्य प्रारंभ कराने वाले पूर्व ग्राम विकास अधिकारी चाहे संतलाल पटेल जी हो चाहे वर्तमान ग्राम विकास अधिकारी सुभाष दीक्षित जी हो जब बात की जाती है तो वह भी अपना पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहे हैं अगर ऐसा ही रहा तो योगी सरकार का ग्राम पंचायतों के विकास का सपना साकार होता नजर नहीं आ रहा है अब देखना यह है क्या ग्राम पंचायत उमरा खुर्द की ब्लॉक स्तर पर बैठे उच्चाधिकारियों द्वारा ग्राम प्रधान द्वारा ग्राम पंचायत में किए गए कार्यों की जांच की जाएगी या मामले को यूंही ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा

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