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#हरदोई: राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत 85 गांवों में विद्युतीकरण के कार्य में करीब 1.31 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच ईडी ने शुरू कर दी है। विजिलेंस ने जनवरी, 2023 में मुकदमा दर्ज किया था। इसमें उप्र पावर कॉर्पोरशन के दो अवर अभियंता, तीन एसडीओ और रिलायंस एनर्जी के प्रोजेक्ट मैनेजर को नामजद किया गया था। इसके आधार पर ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है।
गौरतलब है कि वर्ष 2004-05 में हुए इस घोटाले में तत्कालीन अवर अभियंता बैजनाथ सिंह, नरेश सिंह, एसडीओ देवेंद्र प्रसाद जोशी, अमजद अली, प्रमोद आनंद और नोएडा की रिलायंस एनर्जी लि. के सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर अशोक कुमार के खिलाफ विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज किया था। विजिलेंस जांच में पता चला था कि टेंडर के जरिये 85 गांवों के विद्युतीकरण का कार्य रिलायंस एनर्जी लि. को दिया गया था। कंपनी ने काम पूरा करके उसे बिजली विभाग को हैंडओवर कर दिया। अधिकारियों ने कार्य का सत्यापन भी कर दिया था। हालांकि जांच में गांवों में लगाए गए 8.5 मीटर के 466 और 9 मीटर के 35 पीसीसी पोल कम पाए। इसी तरह एलटी लाइन के 227 पीसीसी पोल कम मिले। वहीं, तमाम अन्य उपकरण भी कम पाए गए थे। इससे पावर कॉर्पोरेशन को 1.31 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
बड़े अधिकारियों की भूमिका की भी होगी जांच:
हरदोई: सूत्रों की मानें तो इस मामले में पावर कॉर्पोरेशन के बड़े अफसरों की भूमिका की भी जांच होगी। अधिकारियों का मानना है कि बिना बड़े अफसरों की मिलीभगत के इतना बड़ा घोटाला अंजाम देना संभव नहीं था।