जीवन में किताबों का अमूल्य योगदान है, आप पुस्तक दान के माध्यम से गरीब विद्यार्थियों के जीवन में प्रकाश ला सकते हैं। आप घर पर रखी पुरानी व नई खरीद कर किताबें दान कर सकते है। दान की गई पुस्तकों को जिला प्रशासन जरूरतमंद विद्यार्थियों को पुस्तकालय के माध्यम से निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। पुस्तकदान के अन्तर्गत दानदाता विभिन्न विषयों की किताबें दान की गईं हैं, जिसे जरूरतमंद विद्यार्थी पढ़ने के लिए निःशुल्क ले़ सकेंगे।
मंगलवार को कलेक्ट्रेट स्थित अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में भारत सरकार के केन्द्रीय राज्यमंत्री सहकारिता बी0एल0 वर्मा व सदर विधायक महेश चन्द्र गुप्ता ने जिलाधिकारी दीपा रंजन के साथ ग्राम पंचायतों में ग्रामीण पुस्तकालय की स्थापना हेतु स्वैच्छिक संस्थाओं/व्यक्ति विशेष द्वारा पुस्तक दान कार्यक्रम का आयोजन किया। जिलाधिकारी की देखरेख में ग्राम पंचायतों में पुस्तकालय की स्थापना की गई है। जनपद में कुल 1037 ग्राम पंचायतों में 510 ग्रामों में पंचायत भवन तैयार है और उनमें से लगभग 350 पुस्तकालयों की स्थापना की गई है। इन पुस्तकालयों में फर्नीचर आलमारी आदि की व्यवस्था की जा चुकी है। पुस्तक दान कार्यक्रम के अन्तर्गत विभिन्न विभागों, स्वयंसेवी संस्थाओं तथा दानदाताओं द्वारा लगभग 8000 पुस्तकें दान की गयी है, जो ग्रामीण पुस्तकालयों में दी जायेगी। पुस्तकालयों की स्थापना से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभावान छात्रों को जो पुस्तक के अभाव में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी पूर्ण लगन से नहीं कर पाते हैं, उनको तैयारी करने में एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने में लाभ प्राप्त होगा।
बीएल वर्मा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन बने हुए हैं, जिनमें जिलाधिकारी के निर्देशन में पुस्तकालय स्थापित किए गए हैं। यह पहली बार है कि जब 350 पुस्तकालय स्थापित किए गए हैं। आने वाले समय में जितने भी पंचायत भवन बने हुए हैं उन सभी में हम पुस्तकालय बनाने का काम करेंगे। आज आठ हजार पुस्तकें प्राप्त हुई हैं, आने वाले समय में इनकी तादाद बढ़ती चली जाएगी। पंचायत भवन में पुस्तकालय होंगे तो गांव के बच्चे वहां अच्छे से पढ़ सकेंगे, अपनी नौकरी के लिए अच्छी तैयारी कर सकेंगे। बच्चों में शिक्षा के प्रति शांति लाने और बेरोजगारी को दूर करने के लिए यह पुस्तकालय मील का पत्थर साबित होंगे।
डीएम ने कहा कि इन पुस्तकों का लाभ वे सभी विद्यार्थी उठा पाएंगे, जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं और इस कारण बाजार से पुस्तक नहीं खरीद सकते हैं। पुस्तकदान कर आप राष्ट्र को विकसित होने में मदद कर सकते हैं। भारत एक समृद्ध युवा देश है, जहां अधिकतर नौजवान छात्र है, जिनमें से बहुत से छात्र अर्थिक तंगी के कारण पुस्तकों को खरीद नहीं पाते, यह समय ऐसे छात्रों की मदद करने का है, जिससे उन्हें किताबें उपलब्ध हो सकें। ऐसे छात्रों की मदद करने के लिए पुस्तकों का दान कीजिये। किताबों को दान कर जरुरतमंद छात्रों की मदद कर सकते हैं। पुस्तक दान करने से ऐसे छात्रों के चेहरे पर मुस्कुराहट आ सकती है, जो छात्र गरीब है, धन के अभाव के कारण वह किताबों को नहीं खरीद सकते है उनके लिए किताब वरदान है, जिससे उनकी गरीबी मिट सकती है। गरीब छात्रों के लिए सबसे अच्छा उपहार किताब ही है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी ऋषिराज, एसपी सिटी प्रवीण सिंह चौहान एवं अन्य सम्बंधित जिला स्तरीय मौजूद रहे।
✍️ ब्यूरो रिपोर्ट आलोक मालपाणी बदायूं