गंगा दशहरा पर तट पर उतरा देवलोक, उतारी गई मां गंगा की महाआरती ॥

रोहित सेठ

वाराणसी पृथ्वी पर पुण्य सलिला, सुरसरि, देवसरिता मां गंगा के अवतरण पर काशी के गंगा तट पर गंगा दशहरा के मौके पर साक्षात देवलोक उतर आया। दशाश्वमेध घाट पर गंगोत्री सेवा समिति के तत्वधान में जैसे ही देवी सुरेश्वरी भगवती गंगे…की धुन शुरू हुई श्रद्धालु भी मगन होकर झूम उठे। लोबान, कपूर और गुगुल की सुवास के बीच अर्चक मां गंगा की आरती उतार रहे थे वहीं दूसरी ओर रिद्धि सिद्धि स्वरूपा कन्याएं चंवर डुला रही थीं। मां गंगा का षोडशोपचार पूजन और 51 लीटर दूध से दुग्धाभिषेक कर भारत के लिए सुख और समृद्धि की कामना की गई । देश विदेश से आये श्रद्धालु और पर्यटकों को स्वच्छ गंगा, निर्मल गंगा व अविरल गंगा का संकल्प दिलाकर गंगा दशहरा का शुभारम्भ हुआ। मां गंगा की अष्टधातु की प्रतिमा की विशेष फूलों से सजावट हुई। गंगोत्री सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष पं० किशोरी रमण दुबे (बाबू महाराज) के संयोजन में मां गंगा की महा आरती के दौरान सभी ने आत्मनिर्भर भारत की कामना की। पुण्य सलिला मां गंगा के तट पर सर्वप्रथम 11 वैदिक ब्राह्मण द्वारा पं० सीताराम पाठक के आचार्यत्व में मंगलाचरण के पश्चात गंगा की महाआरती की। गंगा दशहरा महोत्सव की अध्यक्षता चाणक्य पीठाधीश्वर परशुरामाचार्य ब्रह्मर्षि सुदर्शन शरण जी महाराज ने की। बतौर मुख्य अतिथि , भारत कुश्ती सांग के अध्यक्ष श्री संजय सिंह बबलू जी ने भी आरती की। गंगा की महाआरती के पश्चात दशाश्वमेध घाट पर भक्तजन संगीत की सरिता में सराबोर हो गए । सांस्कृतिक संध्या के संयोजक कन्हैया दुबे केडी की अगुवाई में डॉ अमलेश शुक्ला, स्नेहा अवस्थी एवं अन्य कलाकारों ने भजनों की प्रस्तुति से मां गंगे का गुणगान किया। कार्यक्रम का संचालन नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने किया और सभी को स्वच्छता की शपथ दिलाई । आयोजन में मुख्य रूप से गंगोत्री सेवा समिति के संरक्षक गंगेश्वर धर दुबे, कन्हैया त्रिपाठी, शांतिलाल जैन, सचिव पं० दिनेश शंकर दुबे, संकठा प्रसाद, संजय यादव उपस्थित रहे। समिति की ओर से पौराणिक केदार घाट पर पं० संदीप कुमार दुबे के आचार्यत्व में गंगा महाआरती का आयोजन किया गया ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *