रिपोर्टर गुरदीप सिंह
अजीतमल,औरैया। अषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा एवम वेद व्यास के जन्मदिन के रूप में मनाई जाने वाली गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की आराधना होती है। शनिवार को अर्धरात्रि से गुरु पूर्णिमा का पर्व शुरू हो गया। पंचनद धाम बाबा साहब मंदिर, कालेश्वर मंदिर और कर्णखेरा, मझखरा मंदिर आश्रम पर भक्तगणों ने पहुंचकर उपस्थिति दर्ज करवाई और अपने गुरुजनों का आशीर्वाद लिया। हनुमान मंदिर बबाइन में भी कार्यक्रम आयोजित किया गया। रविवार को सुबह विशेष आरती के साथ ही प्रसाद वितरण किया गया।
मात-पिता का नाम रोशन करना ही सच्ची गुरु दक्षिणा
प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज आश्रम आजादनगर स्थित शाखा में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया गया। ब्रह्माकुमारीज संजू बहिन ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान परमात्मा से ऊपर है। गुरु पूर्णिमा के पश्चात चातुर्मास शुरू होता है। भारतीय संस्कृति में यह विधान है कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बाहरी खानपान को रोका जाए। शाखा की प्रबंधिका ब्रह्माकुमारी संजू दीदी ने कहा कि गुरु दक्षिणा के रूप में आप सभी अपने संकल्प, बोल और कर्म से अपने माता पिता का नाम रोशन करें, मैं सिर्फ यही चाहती हूं।