श्रीराम कथा – सप्तम दिवस

रोहित सेठ

भरत त्याग की प्रतिमूर्ति – बालव्यास
श्रीराम भरत मिलाप की कथा सुन भर आयी सबकी आँखे॥

वाराणसी, 28 जुलाई। भगवान सबको सबकुछ देते है, करोड़ो की संपत्ति दे देते है, त्रैलोक्य का राज्य भी दे देतें है परन्तु भक्ति किसी किसी को ही प्रदान करते है। भक्त शिरोमणि गोस्वामी तुलसीदास जी, केवट और भरत जी उनमें से एक है। जब लाखों जन्मों के पुण्य फलदायी होते है तब कोई सीताराम का भक्त बन पाता है। उक्त उद्गगार रविवार को महमूरगंज स्थित शुभम लॉन में श्रीकाशी सत्संग सेवा समिति के तत्वावधान में गोलोकवासी परमेश्वर लाल धानुका की पावन स्मृति में चल रही दस दिवसीय श्रीराम कथा के सातवें दिन कथा मर्मज्ञ पं. श्रीकांत शर्मा बालव्यास ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि अयोध्या विश्व का पहला राज्य है जहाँ सम्पत्ति का नही बल्कि विपत्ति का विवाद हुआ। भरत ने स्वयं को सदैव प्रभु राम का दास ही बताया है, इसलिए वे उस अयोध्या का राजपाठ कैसे संभाल सकते है जिसके राजा उनके बड़े भाई राम बनने वाले थे।

भरत मनावन प्रसंग सुन भर आयी सबकी आँखे- कथा प्रसंग में बालव्यास ने जब भरत मनावन का प्रसंग श्रवण कराया तो कथा मण्डप में बैठे सभी श्रोताओं की आँखे भर आयी। बालव्यास ने कहा कि सनातन संस्कृति में दो ही मिलन की कथा मिलती है, पहला श्रीकृष्ण सुदामा का दूसरा भरत राम का मिलन। वनबास के बाद राम जब चित्रकूट में भरत से मिलते है तो सब कुछ वहीं ठहर जाता है। दोनों भाई जड़वत हो जाते है और एक दूसरे में खो जाते है। उन्होंने कहा कि भरत त्याग के सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है, जिसे युगों युगों तक याद रखा जाएगा।

धानुका परिवार ने किया व्यासपीठ का पूजन- कथा के शुभारंभ पर यजमान धानुका परिवार की दुर्गा देवी धानुका, गणपत राय धानुका, किरण धानुका, गौरीशंकर धानुका, वर्षा धानुका, अंकित धानुका, श्रेया धानुका, वंशिका, विदुषी धानुका ने साविधि व्यासपीठ का पूजन किया।

मारवाड़ी समाज ने किया बालव्यास का अभिनंदन- रामकथा के सातवें दिन रविवार को शहर के मारवाड़ी समाज के वरिष्ठजनों ने कथाव्यास बालव्यास श्रीकांत शर्मा का अभिनंदन किया। समाज की ओर से उन्हें मारवाड़ी पाग और दुशाला ओढ़ाकर उनका अभिनंदन किया गया। इस मौके पर मुख्य रूप से मारवाड़ी समाज के प्रधानमंत्री मनोज जाजोदिया, श्याम मंडल के अध्यक्ष दीपक बजाज, श्री श्याम मंडल ट्रस्ट के मंत्री राजेश तुलस्यान, अवधेश खेमका, महेश चौधरी, सुरेश तुलस्यान, मनीष गिनोडिया, दीनानाथ झुनझुनवाला, पवन कुमार अग्रवाल, मंटू जालान, संजीव अग्रवाल डब्बू, कृष्ण कुमार काबरा, अजय खेमका, पंकज तोदी, कौशल शर्मा, प्रशांत केजरीवाल, श्याम केजरीवाल, सोनू चिरानिया आदि शामिल रहे।

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