जिन भी उत्पाद में यूरिया का प्रयोग किया जाता है, उसमें अनुदानित यूरिया का प्रयोग कदापि न करें अन्यथा होगी कार्यवाही — जिलाधिकारी।

रोहित सेठ

वर्तमान समय में जनपद में समस्त उर्वरक उपलब्ध है-सीडीओ।

जनपद में उर्वरक की कोई कमी नही है।

औद्योगिक संस्थानों में अनुदानित यूरिया के प्रयोग पर वैधानिक कार्रवाई किए जाने एवं रोकथाम के लिए की गई छापेमारी।

       वाराणसी। शासन के निर्देशानुसार जनपद में स्थापित औद्योगिक संस्था जैसे-कैटल फीड, कुक्कुट फीड, साबून, पेंट, बार्निस, मुद्रण स्याही, लिबास चादरें, प्लाईवूड, लेमिन बार्ड, पार्टीकल बोर्ड के निर्माण में प्रयोग किये जा रहे अनुदानित यूरिया की जांच कर अनुदानित यूरिया के प्रयोग किये जाने पर सम्बन्धित फर्मो पर वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित किये जाने हेतु रविवार को उर्वरक निरीक्षक एवं उद्योग विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर जनपद में छापे की कार्यवाही की गयी।
   टीम का गठन जिलाधिकारी एस. राजलिंगम के आदेश के क्रम में मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल द्वारा किया गया। टीम-1 में जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह एवं उद्योग विभाग के सहायक आयुक्त विनोद कुमार वर्मा जिनको तहसील-पिण्डरा एवं राजातालाब एवं टीम-2 में वरिष्ठ प्राविधिक सहायक ग्रुप-1 रोहित कुमार सिंह एवं उद्योग विभाग के सहायक आयुक्त अजय कुमार गुप्त जिनको तहसील-सदर आवंटित किया गया। छापे के दौरान कुल 8 औद्योगिक इकाईयों एवं उनके गोदामों का गहन निरीक्षण किया गया। परीक्षण हेतु टेक्निकल ग्रेड यूरिया का 04 नमूना ग्रहीत किया गया। निरीक्षण के समय किसी भी औद्योगिक इकाई पर अनुदानित यूरिया का उपयोग जनपद के उत्पादों के विर्निमाण में किया जाना नही पाया गया। जनपद के समस्त औद्योगिक संस्था जैसे-कैटल फीड, कुक्कुट फीड, साबून पेंट, बार्निस, मुद्रण स्याही, लिबास चादरें, प्लाईवूड, लेमिन बार्ड, पार्टीकल बोर्ड के निर्माण के प्रोपराइटर को निर्देशित किया जाता है कि जिन भी उत्पाद में यूरिया का प्रयोग किया जाता है, उसमें अनुदानित यूरिया का प्रयोग कदापि न करें अन्यथा निरीक्षण/परीक्षण में यह पाया जाता है कि आप द्वारा अनुदानित यूरिया का प्रयोग किया जा रहा है तो नियमानुसार उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 के सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। अबैध रूप से उर्वरकों की कालाबाजारी करने वाले बिक्रेताओं के विरूद्ध यह अभियान निरंतर चलता रहेगा। वर्तमान समय में जनपद में समस्त उर्वरक उपलब्ध है। जनपद के प्रत्येक क्षेत्र में उर्वरक की कोई कमी नही है।

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