मनोज कुमार
अजान खीरी। महेशपुर वन रेज क्षेत्र के ग्राम इमलिया मे बाघ को पकडने के लिए लगाये गये पिजरे में अनोखा वाक्या शनिवार को देखने को मिला । लगाए गए पिंजरे के ट्रायल के लिए एक वन कर्मी पिंजरे में घुसा और उसी में फंस गया। काफी देर तक उसके साथियों ने कोशिश की, लेकिन पिंजरा नहीं खुला। पिजरे के अंदर बंद वनकर्मी घबराकर रो पड़ा। बाद में पिंजरे का हुक तोड़ना पड़ा, तब जाकर वन कर्मी बाचण बाहर निकाला जा सका। वन विभाग का कहना है कि पिंजरे का गेट खराब था। महेशपुर वन रेंज क्षेत्र के ग्राम इमलिया में बाघ को पकड़ने के लिए चार पिंजरे लगाए गए हैं। इनमें से एक पिंजरे की चेकिंग व ट्रायल में एक वन कर्मी लगा हुआ था। वह पिंजरे के अंदर था कि उसका गेट बंद हो गया। इसके बाद अन्य वनकर्मियों ने पिंजरे का गेट खोलकर उसे निकालने की कोशिश की, लेकन गेट ही नहीं खुल सका। पिंजरे के अंदर बंद कर्मचारी का हाल खराब था। जब पिंजरा नहीं खुला तो अंदर बंद वन कर्मी बाचण रोने लगा और मदद की गुहार लगाने लगा। सभी वन कर्मी पिंजरा खोलने की कोशिश करते रहे, पर पिंजरा खुला ही नहीं। आखिर में पिंजरे को पलटा गया। उसका हुक तोड़ा गया। तब जाकर पिंजरे का गेट खुल सका। बाहर निकलकर वनकर्मी काफी देर सदमे में रहा। वन विभाग के अधिकारियों कहना है कि यह पिंजरा शाहजहांपुर से आया था। इसमें पहिए नहीं थे तो इस पिंजरे को रिजर्व में रखा गया था। इस बीच एक वाचण उसको चेक कर रहा था । अचानक अंदर बंद हो गया। पिंजरे के गेट में खराबी के कारण उसे बाहर निकालने मे थोड़ा समय लग गया।