आन्दोलन की नोटिस दि० 19 अगस्त 2024 की मांगों के कम में ज्ञापन का प्रेषण।
रोहित सेठ
हम बड़ौदा यूपी बैंक में कार्यरत सभी संगठनों के अधिकारी और कर्मचारी तथा बैंक शाखाओं पर कार्यरत अंशकालिक सफाई कर्मचारी आज आपके कार्यालय पर उपस्थित हो कर इस ज्ञापन के माध्यम से अपने प्रति हो रहे अन्याय व शोषण का प्रतिकार करते हुए आपसे निवेदन करते हैं कि हमारी निम्नलिखित न्यायोचित मांगों का अबिलम्ब समाधान किया जाय। मांगें निम्नवत् है।-
अस्थायी अंशकालिक सफाई कर्मियों से जुड़ी मांर्ग
बड़े ही दुख का विषय है कि बड़ौदा यूपी बैंक प्रबन्धन द्वारा विगत वर्षों से बैंक में कार्यरत अस्थायी अंशकालिक कार्मिकों के नियोजन में संसद द्वारा पारित श्रम कानूनों और भारत सरकार के निर्देशों का खुला उलंघन करते हुए मनमाने ढंग से अनुचित श्रम व्यवहार किया जा रहा है। इन अस्थायी कर्मचारियों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर भारत सरकार द्वारा गठित किये गये जस्टिट ओबुल रेड्डी ट्रिबुनल के आदेश के अनुसार प्रायोजक बैंक के समकक्ष अंशकालिक कर्मचारियों की भांति एक तिहाई वेतन समानता के अधिकार से वंचित किया गया है। इन्हें प्रतिमाह बैंक खाते के माध्यम से भुगतान किये जाने वाले वेतन को नगद बाउचर के माध्यम से कई शाखाओं में दिया जा रहा है अतः एतद ज्ञापन के माध्यम से हम अध्यक्ष बड़ौदा यूपी बैंक से निम्न लिखित मांगों के समाधान की मांग करते हैं-
सभी अंशकालिक सफाई कर्मियों को प्रायोजक बैंक के समकक्ष सफाई कर्मियों की भांति एक तिहाई वेतन पर नियमित किया जाय तथा यह प्रक्रिया पूर्ण होने तक सभी को एक समान अधिकतम वेतन खाते के माध्यम से भुगतान तथा भविष्य निधि कटौती का लाभ भी प्रदान किया जाय। तथा इनके द्वारा किये जाने वाले कार्य को ठेके पर न दिया जाय।
आन्दोलन की नोटिस दि० 19 अगस्त 2024 की मांगों के कम में ज्ञापन का प्रेषण।
हम बड़ौदा यूपी बैंक में कार्यरत सभी संगठनों के अधिकारी और कर्मचारी तथा बैंक शाखाओं पर कार्यरत अंशकालिक सफाई कर्मचारी आज आपके कार्यालय पर उपस्थित हो कर इस ज्ञापन के माध्यम से अपने प्रति हो रहे अन्याय व शोषण का प्रतिकार करते हुए आपसे निवेदन करते हैं कि हमारी निम्नलिखित न्यायोचित मांगों का अबिलम्ब समाधान किया जाय। मांगें निम्नवत् है।-
अस्थायी अंशकालिक सफाई कर्मियों से जुड़ी मांर्ग बड़े ही दुख का विषय है कि बड़ौदा यूपी बैंक प्रबन्धन द्वारा विगत वर्षों से बैंक में कार्यरत अस्थायी अंशकालिक कार्मिकों के नियोजन में संसद द्वारा पारित श्रम कानूनों और भारत सरकार के निर्देशों का खुला उलंघन करते हुए मनमाने ढंग से अनुचित श्रम व्यवहार किया जा रहा है। इन अस्थायी कर्मचारियों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर भारत सरकार द्वारा गठित किये गये जस्टिट ओबुल रेड्डी ट्रिबुनल के आदेश के अनुसार प्रायोजक बैंक के समकक्ष अंशकालिक कर्मचारियों की भांति एक तिहाई वेतन समानता के अधिकार से वंचित किया गया है। इन्हें प्रतिमाह बैंक खाते के माध्यम से भुगतान किये जाने वाले वेतन को नगद बाउचर के माध्यम से कई शाखाओं में दिया जा रहा है तथा कुछ शाखाओं में इनसे वेतन भुगतान बाउचर पर हस्ताक्षर न लेने के लिए शाखा प्रबन्धकों को बाध्य किया जा रहा है जिसकी शिक्रायत पर बैंक द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही है। जिससे उनके अन्दर दिनों दिन बढ़ता आक्रोश विस्फोटक स्थितियों की तरफ अग्रसर है। अतः एतद ज्ञापन के माध्यम से हम अध्यक्ष बड़ौदा यूपी बैंक से निम्न लिखित मांगों के समाधान की मांग करते हैं-
सभी अंशकालिक सफाई कर्मियों को प्रायोजक बैंक के समकक्ष सफाई कर्मियों की भांति एक तिहाई वेतन पर नियमित किया जाय तथा यह प्रक्रिया पूर्ण होने तक सभी को एक समान अधिकतम वेतन खाते के माध्यम से भुगतान तथा भविष्य निधि कटौती का लाभ भी प्रदान किया जाय। तथा इनके द्वारा किये जाने वाले कार्य को ठेके पर न दिया जाय।