रिपोर्ट – मोहम्मद आमिर

मोहम्मदी रेंज के अन्तर्गत बाघ प्रभावित क्षेत्र ग्राम मूड़ा अस्सी, मूडा जवाहर में मिली बाघ की लोकेशन पर टीम निगरानी बनाये हुये है।

16 सितंबर बाघ को पकड़ने हेतु उक्त स्थल पर पिंजरे लगाने के साथ एक अस्थायी मचान बनायी गयी है। गन्ने में हलचल पर बाघ सर्तक होकर बराबर स्थान बदल दे रहा है इसलिए बाघ को मचान से ट्रैक्यूलाइज किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। डा. दया, पशु चिकित्सक एवं डा. नितेश कुमार कटियार, पशु चिकित्सक कानपुर चिड़ियाघर  वन कर्मियों के साथ क्षेत्र को आइसोलेट करते हुये बाघ को ट्रैंक्युलाइज करने का प्रयास कर रहे हैं।
रेस्क्यू अभियान के साथ प्रभावित क्षेत्रों में मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम हेतु जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में वन कर्मी वन्यजीव की आमद को पहचानने एवं उनसे बचाव के उपाय स्थानीय निवासियों को बता रहे हैं।
  सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वन्यजीव के देखे जाने की भ्रामक खबरें भी वायरल हो रही हैं। जनसामान्य से अपील की जाती है कि वन्यजीवों के देखे जाने की खबरों के प्राप्त होते ही तत्काल स्थानीय वन चौकी अथवा वन कर्मियों से सम्पर्क करें और पुष्टि करने उपरान्त ही जनसामान्य में प्रसारित करें। भ्रामक खबरों से जनमानस में अकारण ही भय का वातावरण बन सकता है। वन्यजीव एवं जनमानस की सुरक्षा में जनमानस का सहयोग अपेक्षित है।

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