रिपोर्ट: प्रदीप पांण्डेय

बदायूँ ।फावड़ा मारकर पत्नी की हत्या करने बाला भगवान दास अब बाकी की उम्र जेल में काटेगा ।जिस उम्र उसे अपनी पत्नी के साथ जीवन बिताना चाहिए था ।उस उम्र को उसे जेल की सलाखों के पीछे रहना होगा।पत्नी की हत्या करने बाले भगवान दास को पत्नी की हत्या के जुर्म में अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है।भगवान दास ने दो साल पहले अपनी दिव्यांग पत्नी को केवल इस लिए मार डाला था।क्योंकि उसने शराब के लिए पैसे नही दिये थे।

यह था मामला

फैजगंज बेहटा थाना क्षेत्र के गाँव भवानीपुर निवासी भगवानदास की पत्नी और बेटे मजदूरी करते थे।उसी से उनके परिवार का गुजारा होता था।ग्रामीणों के अनुसार पत्नी और बेटो से भगवानदास शराब पीने को आय दिन पैसे माँगता था।जब वह पैसे नही देते थे।तो वह उनके साथ मारपीट करता था।बारदात के एक दिन पहले उसने अपनी दिव्यांग पत्नी रामकली के साथ मारपीट की थी ।घटना बाले दिन उसने बड़े बेटे राम खिलाड़ी के मुताबित उसके पिता भगवान दास ने उस दिन भी शराब पी थी उसके बाद मां रामकली के साथ मारपीट की उस समय मामला निपट गया था।लेकिन शाम को फिर भगवानदास शराब पीकर आया।पत्नी और बेटो के साथ गली गलौच की फिर पत्नी के साथ के साथ कमरे में जाकर सो गया।सुबह चार बजे रामकली की हत्या कर दी।हत्या की वजह को लेकर भगवानदास ने जो बातें बनाई ।पर बेटे के मुताबित पिता ने हमेशा की तरह माँ से शराब पीने को पैसे माँगे थे ।माँ के मना करने पर फावड़े से उन पर हमला कर दिया।पुलिश के मुताबित महिला रामकली बोल और सुन नही पाती थी।हत्या के बाद जब उसका नशा उतरा तो बचने के लिए उसने रामकली के चरित्र पर उंगली उठाई थी।

अदालत ने पचास हजार रुपये का जुर्माना भी डाला है।

पुलिस ऑपरेशन कन्विकेशन अभियान के तहत इस मामले की पैरवी की जिसके बाद अदालत ने भगवानदास को आजीवन कारावास व पचास हजार रुपये के जुर्माने के साथ सजा दी।

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