अमरोहा
गजरौला । प्रधानाध्यापक संजीव कुमार के उत्पीड़न का चि‌ट्ठा रजिस्टर में कैद 18 पेज खोलेंगे। इसके लिए डीएम ने चार सदस्य कमेटी गठित की है। इस रजिस्टर का जिक्र संजीव कुमार ने घटनास्थल से मिले दो पेज के सुसाइड नोट में किया है।

गजरौला क्षेत्र के सुल्तानठेर स्थित कंपोजिट विद्यालय के प्रधानाध्यापक संजीव कुमार ने मंगलवार सुबह अपने ही कक्ष में फंदे पर लटक कर जान दे दी। घटनास्थल पर दो पेज का सुसाइड नोट मिला है। जिसमें रजिस्टर में 18 पेज का सुसाइड नोट भी लिखा होने का दावा किया है। इसमें लिखा है कि पूरी दास्तान सुसाइड रजिस्टर में लिखी है, जो 18 पेज का है। पुलिस ने इस रजिस्टर को भी कब्जे में ले लिया है। 

उधर, डीएम निधि गुप्ता ने एडीएम न्यायिक मायाशंकर की अध्यक्षता में चार सदस्य कमेटी गठित की है। जिसमें डीआईओएस विष्णु प्रताप सिंह, सीडीओ अश्वनी कुमार मिश्रा और एएसपी राजीव कुमार सिंह को सदस्य बनाया गया है। ये टीम प्रधानाध्यापक संजीव कुमार की मौत की जांच करेगी। जबकि, पुलिस की जांच अलग चल रही है। चर्चा है कि रजिस्टर में कैद सुसाइड नोट ही शिक्षक संजीव कुमार की आत्महत्या के पीछे का राज खुलेगी। अब जांच कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार है

घटनास्थल पर नहीं पहुंचीं बीएसए, शिक्षक दंपती भी गायब

कंपोजिट विद्यालय में प्रधानाध्यापक संजीव कुमार की मौत की जानकारी मिलने के बाद बीएसए घटनास्थल पर नहीं पहुंचीं। क्योंकि सुसाइड नोट में उनका नाम शामिल है। जबकि, सहायक अध्यापक राघवेंद्र सिंह व सरिता सिंह स्कूल तो आए थे, लेकिन जब उन्हें सुसाइड नोट में उनके नाम होने की बात सामने आई तो दोनों ही वहां से भाग निकले। इसके बाद से दोनों लापता हैं। हालांकि बीएससी के निर्देश पर ऑफिस के कर्मचारी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने पूरे मामले की जानकारी ली।

सफाई की वीडियो वायरल होने के बाद से तनाव में थे संजीव

गजरौला। सुल्तानठेर के परिषदीय विद्यालय में बारिश के पानी के साथ कीचड़ जमा हो गया था। इससे बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। 23 सितंबर की सुबह विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं और छात्र-छात्राओं ने स्कूल में सफाई अभियान चलाया। फावड़े और खुरपे से कीचड़ को साफ किया। स्कूल में सफाई का प्रदर्शन करते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल किया। सामने आया था कि यह वीडियो राघवेंद्र सिंह ने वायरल किया था। मामला चर्चाओं में आने के बाद प्रधानाध्यापक भी जांच के घेरे में आ गए थे। इस मामले में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अतुलेश भारद्वाज और खंड शिक्षा अधिकारी आरती गुप्ता ने विद्यालय को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा था। परिजनों के मुताबिक वह इस बात से भी तनाव में चल रहे थे।

कंपोजिट विद्यालय के प्रधानाध्यापक बनने से असंतुष्ट था राघवेंद्र

गजरौला। प्रधानाध्यापक की आत्महत्या के बाद से कुछ कुछ साथी शिक्षक सवालों के कटघरे में खड़े हो गए हैं। जबकि, सहायक राघवेंद्र द्वारा उनसे रंजिश रखने की बात सामने आ रही है। प्रधानाध्यापक के बेटे ने भी राघवेंद्र पर उनसे रंजिश रखने और साजिश करने के आरोप लगाए। बेटे अनुज ने बताया कि पापा 2015 में जूनियर विद्यालय के प्रधानाध्यापक बने थे। गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में राघवेंद्र सिंह प्रधानाध्यापक था।

2019 में दोनों विद्यालयों का विलय कर कंपोजिट विद्यालय बनाया गया था। जिसका प्रधानाध्यापक मेरे पापा को बनाया गया था। तभी से राघवेंद्र नाराज था और वह पापा से विवाद करता रहता था। राघवेंद्र के बीएसए मोनिका सिंह से अच्छे संबंध है। इसलिए वह पापा पर दबाव बनाता था। उत्पीड़न से परेशान होकर पापा ट्रांसफर के लिए कई बार लेटर लिख चुके थे। लेकिन, कोई सुनवाई नहीं हुई।

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