मनीष कांत शर्मा
बदायूँ 07 अक्टूबर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वाधान में एवं उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुक्रम में माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं के निर्देशानुपालन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायू द्वारा सोमवार को महिलाओं के हितार्थ विधिक जागरूकता कार्यक्रम विधान से समाधान के अन्तर्गत विधिक साक्षरता/जागरूकता शिविर का आयोजन तहसील सभागार, तहसील सदर जनपद बदायूं में किया गया। शिविर का शुभारम्भ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बदायूं शिव कुमारी ने किया।
शिविर के अन्त में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिव कुमारी द्वारा अपने वक्तव्य में बताया कि विधिक जागरूकता कार्यकम ंविधान से समाधान के अन्तर्गत महिलाओं की शिकायतों के समाधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क विधिक सेवायें प्रदान की जाती है, यदि किसी प्रकार महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन होता है तो वह अपने शिकायती प्रार्थना-पत्र कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं एवं सम्बन्धित थाना में निःसंकोच केस दर्ज करा सकती है, महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे एसिड हमला, बलात्कार, अपहरण, दहेज उत्पीडन, एवं यौन उत्पीड़न के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक बताया गया। इसी कम में बताया कि महिलाओं के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान हेतु सैद्धान्तिक ज्ञान के साथ व्यवहारिक ज्ञान अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न को महिलाएं बर्दाश्त न करें।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में तहसीलदार, तहसील सदर रविन्द्र प्रताप ने महिलाओं के विधिक अधिकारों से सम्बन्धित एवं सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न विभिन्न प्रकार की योजनाओं के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की गयी। अमित कुमार नायब तहसीलदार सदर, ने कहा कि महिलाओं के विधिक अधिकारों एवं महिलाओं के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान हेतु सैद्धान्तिक ज्ञान बहुत प्रभावी नहीं होता है अपितु व्यवहारिक ज्ञान अति आवश्यक है, इसी कम में महिलाओं के साथ होने वाले शारीरिक शोषण गुड टच बैड टच के वारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की गयी।