🔵बदायूं में सबसे बड़ा तीन दिवसीय 183वें सालाना उर्स-ए कादरी की तैयारियां शुरू 21 नवंबर को कुल शरीफ के साथ होगा समापन।


रिपोर्ट:प्रदीप पाण्डेय
बदायूं

बदायूं। शहर के चक्कर की सड़क स्थित विश्व प्रसिद्ध दरगाह ए आलिया कादरिया पर हज़रत हुजूर शाह ऐनुल हक मौलाना अब्दुल मजीद कादरी बदायूंनी रहमतुल्लाह अलैह का तीन दिवसीय 183वां सालाना उर्स-ए-कादरी खानकाहे आलिया कादरिया के साहिबे सज्जादा काजी ए जिला हज़रत अब्दुल गनी मोहम्मद अतीफ मियां कादरी की सरपरस्ती एवं निगरानी में 19 नवंबर मंगलवार से शुरू होने जा रहा है जो 20 और 21 नवंबर तक आयोजित होगा। बीस नवंबर बुधवार को बाद नमाज़े इशा होगी बड़ी कादरी मजीदी कॉन्फ्रेंस जिसके बाद 21 नवंबर को बाद नमाज़े फज्र कुल की फातिहा के साथ उर्स का समापन किया जायेगा।

इस बार भी सालाना उर्स अदबों ऐहतिराम व शानों शौकत से आयोजित होने जा रहा है। उर्स में देश दुनिया से बड़ी संख्या में जायरीनों के आने की उम्मीद है। देश विदेश से आने वाले जायरीनों के लिए खानकाह की ओर से विशेष इंतजाम किये गये हैं। शहजादा ए गिरामी हज़रत अल्लामा मौलाना फज़ले रसूल मोहम्मद अज्जाम मियां क़ादरी समेत बड़े बड़े उलमा होंगे शामिल। यह जानकारी नाज़िमे उर्स हाफिज अब्दुल क़य्यूम कादरी साहब की ओर से खानकाहे कादरिया के प्रवक्ता तनवीर खान कादरी ने प्रेस वार्ता में दी।

देशभर में अपने वक्त के बहुत बड़े सूफी थे साहिबे उर्स साहिबे उर्स हजरत हुजूर शाह ऐनुल हक मौलाना अब्दुल मजीद कादरी बदायूंनी रहमतुल्लाह अलैह अपने वक्त के बड़े सूफी और आलिम थे। आप हुजूर अच्छे मियां शम्से मारहरा के खलीफा हैं। आपकी विलादत (जन्म) 1765 ईसवी में हुआ था। आप हर पल अल्लाह की इबादत में मशगूल रहते और लोगों को अपने फैज से नवाजते रहते थे। आपका विसाल 17 मुहर्रम उल हराम 1263 हिजरी को हुआ था।

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