रिपोर्ट: सुनील कुमार यादव

प्रयागराज, 27 नवंबर।’ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को प्रयागराज दौरे पर महाकुम्भ की तैयारियों को गति देते हुए मेला क्षेत्र में सुरक्षा, स्वच्छता मित्रों व गंगा सेवादूतों के लिए 237.38 करोड़ के उपकरण व विकास परियोजनाओं का अनावरण किया। इस अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि ये हमारा सौभाग्य है कि प्रयागराज के दुनिया के इस सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन के साथ हम सबको जुड़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है। वेणी माधव भगवान ने, मां गंगा ने, हम सबको ये अवसर दिया है कि हम सभी लोग मिलकर इस भव्य और दिव्य आयोजन में सहभागी बनकर देश और दुनिया से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को प्रयागराज की महत्ता के बारे में बताएं।

इस पौराणिक और दुनिया के सबसे बडे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम के माध्यम से प्रयागराज, उत्तर प्रदेश और भारत की इस समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की छाप दुनिया के मंचों पर देगा। इस आयोजन से जुड़ने का सौभाग्य हम सबको प्राप्त हुआ है तो यह जरूर पूर्वजन्मों के पुण्यों का ही प्रताप है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन की तैयारी तेजी से आगे बढ़ रही है। सीएम योगी ने कहा कि 13 जनवरी से 26 फरवरी तक होने जा रहे इस आयोजन के सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद आप सभी का अभिनंदन करने फिर यहां आएंगे।


अपने उद्बोधन में सीएम योगी ने कहा कि दिव्य, भव्य और डिजिटल कुम्भ की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रयागराज महाकुम्भ आयोजन की नींव स्वच्छताकर्मी, सफाईकर्मी, नाविक और इस पूरे अभियान से जुड़े हुए जितने भी कार्मिक हैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं। प्रयागराज का कुम्भ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा और मार्गदर्शन में पूरे देश और दुनिया में प्रयागराज को एक वैश्विक छवि के रूप में स्थापित करने में सफल रहा है। एक भव्य, दिव्य कुम्भ के साथ ही कुम्भ भी स्वच्छता, सुरक्षा और सुव्यवस्था का एक प्रतिबिंब बन सकता है, कुम्भ के माध्यम से आने वाला हर व्यक्ति एक सुकून महसूस करके असीम आध्यात्मिक शांति की अनुभूति करता हो, यह दृश्य 2019 के प्रयागराज कुम्भ में देखने को मिला था। प्रयागराज कुम्भ के उस कार्यक्रम में स्वच्छ कुम्भ की परिकल्पना को साकार करने वाले स्वच्छता कर्मियों को प्रधानमंत्री जी ने उनके पैर धोकर उस समय संदेश दिया था कि स्वच्छ कुम्भ की नींव और उसकी आधारशिला कोई है तो वो सफाई कर्मचारी हैं, उनका सम्मान और अभिनंदन होना चाहिए।


उन्होंने कहा कि प्रातः काल से ही प्रयागराज के अंदर अलग-अलग स्थानों पर जो कार्यक्रम होने जा रहे हैं उसकी तैयारी में सभी जुटे हुए हैं। 13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच में जो 6 प्रमुख स्नान होने हैं, उनमें 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा, 14 जनवरी को मकरसंक्रांति, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या, 3 फरवरी को बसंत पंचमी, 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के स्नान होंगे। उन्होंने कहा कि इस बार कुम्भ का क्षेत्र बढ़ाया गया है। पहले 1800 हेक्टेयर का क्षेत्र हुआ करता था, जो बढ़कर 2000 हुआ, फिर 2500 और कुम्भ में यह 3200 हेक्टेयर तक पहुंच गया। इस बार यह 4000 हेक्टेयर के विस्तृत भूभाग में आयोजित किया जाएगा। 25 सेक्टर बनाए गए हैं। इसके अलावा 1850 हेक्टेयर की पार्किंग भी संगम तट से एक निश्चित स्थान पर प्रदान की जा रही है। 14 फ्लाईओवर और अंडरपास बनाए जा रहे हैं। 9 पक्के घाट बनाए जा रहे हैं, 7 रिवर फ्रंट रोड, 12 किमी. का अस्थायी घाट, 550 शटल बसें, 7000 रोडवेज बसें, 7 बस स्टैंड बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही यहां जितने भी नाले-सीवर थे, सभी को टैप करते हुए बायोरेमिडिसन के माध्यम से गंगा में कोई भी गंदगी नहीं गिरने देंगे, इस संकल्प के साथ कार्यक्रम आगे बढ़ रहा है। इसके साथ ही, यहां पर स्ट्रीट आर्ट और वॉल म्यूरल के भी कार्यक्रम 18 लाख वर्ग फीट पर चल रहा है। शहर के चार सरकारी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के उच्चीकरण का कार्य भी चल रहा है।


सीएम योगी ने कहा कि महाकुम्भ के दौरान डिजिटल कुम्भ को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके तहत प्रयागराज सिटी का डिजिटल टूरिज्म मैप विकसित किया जा रहा है। डिजिटल स्वच्छता और डिजिटल सुरक्षा के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति आए उसको ये सारा कार्यक्रम वह अपने स्मार्टफोन से डिजिटली पता लगा सकेगा कि उसे कहां जाना है और कौन सा रास्ता उसे उसके गंतव्य तक ले जाएगा। सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का दिसंबर के दूसरे सप्ताह में प्रयागराज में आगमन है। वह यहां लगभग साढ़े 6 हजार करोड़ रुपए से महाकुम्भ की परियोजनाओं के लोकार्पण कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। एक भव्य और दिव्य कुम्भ के साथ ही डिजिटल कुम्भ की परिकल्पना को साकार करने के लिए जिस टीम को काम करना है उस टीम का आह्वान करने के लिए आज यहां आया हूं। प्रसन्नता है कि इसका शुभारंभ आज यहां पर सफाईकर्मियों, स्वच्छताग्रहियों, नाविकों के सम्मान के साथ प्रारंभ हो रहा है। यानी नींव के पत्थरों को हमने पूरी मजबूती प्रदान की है। पूरा विश्वास है कि नगर विकास विभाग, ऊर्जा विभाग,जलशक्ति विभाग, प्रशासन, पुलिस और अन्य सभी संबंधित विभाग मिलकर इस भव्य और दिव्य कुम्भ को फिर से दुनिया के सामने उसी भव्यता के रूप में प्रस्तुत करने में सफल होंगे इस अवसर पर मा0 उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रयागराज को तीर्थों का राजा कहा जाता है। तीर्थों के राजा को राजा बनाने का काम माननीय प्रधानमंत्री जी के द्वारा तथा प्रदेश में मा0 मुख्यमंत्री जी की डबल इंजन की सरकार के द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम लोगो ने जो सोचा नहीं था, वह सब कुछ आज हम अपनी आंखों से प्रयागराज में देख रहे है। मा0 उपमुख्यमंत्री जी ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में स्वच्छ, भव्य एवं दिव्य कुम्भ का आयोजन किया गया था, जिसकी व्यवस्थाओं की प्रशंसा पूरे विश्व में हुई थी। उन्होंने कहा महाकुम्भ 2025 का आयोजन किया जा रहा है, जिसके दृष्टिगत इसको दिव्य, भव्य, ग्रीन, सुरक्षित एवं सफल बनाने के लिए इस बार व्यवस्थाओं में वृद्धि की जा रही है। इस बार लगभग 40 करोड़ से अधिक लोगो के महाकुम्भ मेले में आने का अनुमान है।

मेले में आने वाले श्रद्धालु अपने साथ सुखद अनुभव लेकर वापस लौंटे और आयोजन की प्रशंसा करें, इसके लिए हम सभी प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रहे है।इस अवसर पर माननीय नगर विकास मंत्री श्री अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि महाकुम्भ मेले के सफल आयोजन को लेकर प्रतिबद्ध है। इसके लिए हर स्तर पर निरंतर कार्य किया जा रहा है। इसको सफल बनाने में सभी के सहयोग के साथ-साथ स्वच्छाग्रहियों, नाविकों, सफाई कर्मियों का भी महत्वपूर्ण योगदान होगा। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ का आयोजन दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजन है, इसकी विरासत को हमें अक्क्षुण बनाये रखने में अपना योगदान देना है। मेले के सफल आयोजन में डिजिटल तकनीकी का भरपूर इस्तेमाल किया जायेगा। यह महाकुम्भ मैनेजमेंट की दृष्टि से भी दुनिया को चौका देने वाला होगा। इस अवसर पर प्रयागराज जनपद के प्रभारी मंत्री और जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, महापौर गणेश केसरवानी, सांसद प्रवीण पटेल, पूर्व मंत्री एवं विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह, हर्षवर्धन बाजपेई, पीयूष रंजन निषाद, गुरुप्रसाद मौर्य, दीपक पटेल,केपी श्रीवास्तव, सुरेंद्र चौधरी, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव अमृत अभिजात उपस्थित रहे।

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