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नवदिवसीय शतचंडी महायज्ञ एवं शिव महापुराण कथा आज से प्रांरभ।
रोहित सेठ
वाराणसी/ काशी नगरी एक अद्भुत नगरी है, इस नगरी के 84 किलोमीटर परिक्रमा के चौथे पड़ाव शिवपुर में स्थित, अत्यंत प्राचीन मां अष्टभुजी मंदिर हैं| मां अष्टभुजा मंदिर में विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी मां के इस प्रांगण में गुप्त नवरात्रि के शुभ अवसर पर नवदिवसीय शतचंडी महायज्ञ एवं शिव महापुराण कथा आज 30 जनवरी 2025 से प्रारंभ हुआ| शिव की महीमा का वर्णन शिव महापुराण में हैं, जिसका पुरा सारांश इस कथा के माध्यम से सुनने को मिलेगा, शिव के महत्व के बारे में, शिव माला कैसे पिरोया जाय यह सभी के जिवन मे एक अलग की ऊर्जा व शक्ति प्रदान होने वाली है, प्रभु का गुणगान तो अनेको हैं, लेकिन शिव हमारा एक हैं|
उत्तरकाशी उत्तराखण्ड से पधारे बाल व्यास पंडित आयुष कृष्ण नयन महाराज ने प्रथम दिन की कथा में सभी शिव भक्तों को, शिव महिमा के बारे में श्रद्धालुओं को कथा का श्रवण पुरा मन लगा कर सुनते हैं| प्रारंभ में व्यासपीठ का पूजन मंदिर के अध्यक्ष मुरारी लाल गुप्ता व समिति के सभी सदस्यों ने किया| भक्तजनों को कथा का श्रवण कराते हुए उत्तरकाशी उत्तराखण्ड से पधारे बाल व्यास पंडित आयुष कृष्ण नयन महाराज ने कहा कि व्यक्ति का पूरा जीवन यह जानने में लग जाता है कि उसका जन्म क्यों हुआ इसका हकीकत यह है, कि हमारा जन्म अपने पूर्व जन्म के प्रतिफल को पाने के लिये और भगवान का भजन करने के लिए हुआ है| यदि हमने पूर्व जन्म में अच्छे कर्म किए होंगे तो इस जन्म में प्रतिफल के रूप में हमें आनंद के साथ रहकर हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि विपरीत परिस्थिति में हमारे आराध्य भगवान शिव ही तुम्हारे साथ रहेंगे| भगवान शिव को हर एक लोटा जल तो चढ़ाना चाहिए लेकिन मन में छल कपट से नही चढ़ाना चाहिए| निष्कपट भाव से, निर्मल मन से निर्मल ह्रदय से शिव जी को जल चढ़ाएं, शिव महापुराण कथा से महिलाओं में यह भाव होना चाहिए कि हम शंकर जी के और शंकर जी हमारे हैं| काशी नगरी व शिवपुर क्षेत्र के लोग भजन भाव और भक्ति में डूबे रहते हैं, और हमारे जीवन में जो कुछ मिला है वह हमारे कर्मों के आधार पर मिला है, आगे भी जो कुछ मिलेगा वह अपने कर्मों के अधार पर ही मिलेगा|
कथा के दौरान नयन जी महाराज ने कहा शिव मंदिर में जाकर वहां बिखरे पड़े सामान को हटाकर साफ सफाई करने से हमारे जीवन की गंदगी साफ हो जाती है| जहां पर भगवान का प्राण प्रतिष्ठा या महात्म की कथा होती हैं वह मंदिर रूपी वह स्थल कहलाता है और जहां शिवजी बैठते हैं वहां शिवालय भी कहलाता है| हर शिव मंदिर में शिव जी की प्रतिमा के सामने नंदी जी बैठे दिखाई देते है, वहां पर एक सूत्र बंधा होता है, जो कि यह साबित करता है कि हर दिन शिवजी नंदी पर सवार होकर इस मंदिर से हो कर जाते हैं|
नयन जी महराज कहते हैं कि शिव महापुराण समाज को शिव की ओर ले जाती है, अर्थात कल्याण की ओर ले जाती है, शिव शक्ति के बिना तथा शक्ति शिव के बिना अधूरे हैं| वैसे ही समाज के उत्थान के लिए नारी शक्ति को सशक्त होना बहुत ही जरूरी है, क्योंकि दोनों मिलकर ही समाज के कल्याण के बारे में सोच समझ सकते हैं|
कथा के साथ-साथ आचार्य हरिकेश पांडेय जी के द्वारा शतचंडी यज्ञ भी प्रारंभ हो गया, यह पूरे विधि विधान के साथ यज्ञ शुरुआत हुई| शतचंडी यज्ञ नव ब्राह्मणों द्वारा किया जा रहा है, जिसमें मुख्य रूप से हैं यज्ञाचार्य पंडित आचार्य हरिकेश पांडेय, निलेश तिवारी, निवास पांडेय, लेखराज उपाध्याय, जयप्रकाश पाठक, अखिलेश, वेद नारायण, अमित व संदीप मिश्रा द्वारा यह यज्ञ नौ दिवसीय चलेगा|
कलश यात्रा शुभारंभ के दौरान मंदिर प्रांगण में गजानंद भगवान का आवाहन किया गया| उसके पश्चात नवग्रह का बेदी बनाकर विधि विधान के साथ पूजन हुआ| मां शतचंडी का पूजन, कर आवाहन किया गया फिर महिलाओ द्वारा कलश उठाने के पश्चात आचार्य ब्राह्मण हरिकेश पाण्डेय जी ने मंत्र उपचार से देवी भगवती, बाबा भोलेनाथ व गजानन भगवान का आवाहन किया और यात्रा प्रारंभ हुआ| इस कलश यात्रा में सैकड़ों की जनसंख्या महिला पुरुष व बच्चे सम्मिलित होकर मां के भक्तो ने सम्पन्न कराया| इस भव्य कलश यात्रा मां अष्टभुजी मंदिर के प्रांगण से प्रारंभ होकर शिवपुर रेलवे क्रासिंग से पंचकोशी मार्ग होते हुए थाना शिवपुर बाजार होते हुए, गिलटबाजार से पंचकोशी मार्ग होते हुए लालजी कुआ, मां अष्टभुजी मंदिर के प्रांगण में समापन हुआ|
कलश यात्रा में सबसे आगे दो अश्व हाथ में फटाका (मां का ध्वजा) लिए हुए, सबसे आगे चल रहे जे उसके पीछे डीजे मां के भजनों के साथ, उसके बाद महिलाएं मां का कलश लिए सर पर चल रही थी, दो रथ के साथ एक पर शिव महापुराण उत्तरकाशी उत्तराखण्ड से पधारे बाल व्यास पंडित आयुष कृष्ण नयन जी महाराज कथा वाचक व विद्वान मज्ञ आचार्य पंडित हरिकेश पांडेय दूसरे जगत पर मौजूद रहे|
इस अनुष्ठान को इस समय करने का एक अभिप्राय यह भी है की 144 वर्षों बाद महाकुंभ का यह संजोग बना है यह हम सभी का परम सौभाग्य है, आप सभी महानुभावों से विनम्र निवेदन है कि उपरोक्त सभी कार्यक्रमों में सम्मिलित होकर पुण्य लाभ की प्राप्ति करें| इस सुन्दर बेला का सुमिरन करने के लिए इस नौ दिवसीय शतचंडी महायज्ञ एवं शिवमहापुराण कथा के आयोजन में आप सभी सम्मिलित होकर अपने जीवन को कृतार्थ करें|
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता व मां अष्टभुजा सेवा समिति शिवपुर के अध्यक्ष, मुरारी लाल गुप्ता, मंत्री सुरेश चौरसिया, कोषाध्यक्ष श्याम सुंदर मोदनवाल, छेदीलाल सेठ, मनोज केसरी, जुगल किशोर सर्राफ, सुशील जायसवाल, संतोष केसरी, राज किशोर मिश्र, संजय विश्वकर्मा, अरविंद जायसवाल, आनन्द लाईट तरना एवं मंदिर के पुजारी महेंद्र व जग्गा, वरिष्ठ मीडिया प्रभारी आनंद तिवारी व रवि प्रकाश बाजपेई के अलावा शिवपुर क्षेत्र के सम्मानित मां के भक्तों के सहयोग से कलश यात्रा संपन्न हुआ|