कब्जा धारकों ने एसडीएम कोर्ट में मुकद्दमा लंबित होने की सूचना दीवार पर अंकित की

वजीरगंज : खेल मैदान पर अतिक्रमण कर बनाई गई 22 दुकानों को पंचायत प्रशासन ने नोटिस चस्पा कर सील कर दिया है। जबकि कब्जाधारकों की ओर से सूचना लिखवा कर एसडीएम कोर्ट में मुकद्दमा चलने का हवाला दिया गया है।जिससे लगता है की कब्जाधारकों के सामने प्रशासन बौना है। एमएफ हाईवे किनारे रामलीला मैदान पर बिगत चार साल पहले 22 दुकानों का निर्माण कराया गया था। निर्माण होते देख पंचायत प्रशासन ने अवैध निर्माण रुकवाने को 24 दिसंबर 18 को नोटिस जारी किया था। मगर कब्जा धारकों ने निर्माण नही रोका ।

मामला अफसरों तक पहुंच गया।एडीएम प्रशासन ऋतु पूनिया ने पांच मार्च को अधिशासी अधिकारी को पत्र जारी कर  निर्माण रुकवाने के निर्देश दिए। जिसका अतिक्रमण कारियों ने हवा में उड़ा दिया। कार्यवाही न होते देख एडीएम ने पुनः 21 मार्च को पत्र जारी कर अतिक्रमण कारियो के खिलाफ एंटी भूमाफिया की कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए गए कहा गया कि गाटा संख्या 294 की 0.291 हेक्टेयर भूमि सरकारी अभिलेखों में खेल मैदान के नाम से दर्ज है। एडीएम के निर्देश के अनुपालन में ईओ ने 31 दिसंबर 20 को पुनः नोटिस जारी कर अवैध कब्जा धारकों से कब्जा हटाने के निर्देश जारी कर दिए। मगर कब्जा धारकों ने प्रशासन के निर्देशों को हवा में उड़ा दिया और दुकानों को किराए पर उठा दिया। सूबे के मुखिया योगी आदित्य नाथ के निर्देश पर प्रशासनिक अफसरों ने कस्बे में हाईवे से 21 मई को एडीएम ऋतु पूनिया तथा एसडीएम ज्योति शर्मा के नेतृत्व में अवैध अतिक्रमण हटाया गया था।

इस दौरान खेल मैदान पर बनी दुकानों को खुली देख उनका का पारा चढ़ गया था। उन्होंने ईओ को पुनः दुकानों को सील करने के निर्देश जारी कर दिए। ईओ संदीप चंद्रा ने एडीएम के निर्देश के अनुपालन में 25 मई को नोटिस चस्पा कर दुकानों को सील कर दिया है।कहा है कि अगर किसी के द्वारा दुकान खोली गई तो उसके खिलाफ बिधिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। इधर कब्जा धारकों ने एसडीएम कोर्ट में मुकद्दमा लंबित होने की सूचना दीवार पर अंकित करा दी है।इससे साफ जाहिर होता है कि कब्जा धारकों में प्रशासनिक अफसरों का कोई ख़ौफ़ नहीं है ।

✍️ ब्यूरो रिपोर्ट आलोक मालपाणी (बरेली मंडल)

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