लखीमपुर खीरी जो कि उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है यहां प्रकृति का असीमित भंडार है प्रकृति के असीमित भंडार के साथ-साथ अगर पर्यटन की दृष्टि से देखा जाए तो यहां पर पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं लेकिन कुछ राजनैतिक और शासन की उदासीन गतिविधियों ने इस जिले को पर्यटन के क्षेत्र में काफी पीछे छोड़ रखा है जनपद में ऐसे कई सारे ऐतिहासिक प्राचीन पर्यटन केंद्र हैं जिन्हें विश्व धरोहर यह राष्ट्र धरोहर में शामिल किया जा सकता है जनपद के पर्यटन केंद्र आधुनिकीकरण तथा प्रचार-प्रसार के अभाव में हमसे दूर होते जा रहे हैं दुधवा नेशनल पार्क, मां संकटा देवी मंदिर, लिलौटी नाथ मंदिर, छोटीकाशी गोला, सिंगाही का राजमहल, भूल भुलैया, मेडक मंदिर, शारदा बैराज ऐसे बहुत से प्राचीन धरोहर व पर्यटन केंद्र है जिन्हें शासन द्वारा प्रचार-प्रसार के साथ-साथ आधुनिकीकरण करने की आवश्यकता है व्यवस्थाओं के अभाव में यहां तक टूरिस्टो के आने के लिए शासन को अच्छी सड़कें, रुकने की उचित व्यवस्था,के साथ-साथ खाने-पीने से लेकर लोगों की सेफ्टी का भी ध्यान रखना पड़ेगा, तभी हमारे जनपद में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जनपद में पर्यटन का विस्तार होने से वहां पर रहने वाले लोगों के रोजगारो में भी वृद्धि होगी जिससे हमारे जनपद की आर्थिक स्थिति में भी कुछ हद तक सुधार हो सकता है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *