कोतवाली पिहानी क्षेत्र के ग्राम कुइया उमरसेडा बॉर्डर पर नवजात शिशु बच्ची को सई नदी में फेंक कर एक निर्दयी मां मौके से फरार हो गई। नवजात को जब खेत में कर रहे किसानों ने देखा तो उन्होंने प्रधान संघ के अध्यक्ष व कुईया के प्रधान मेवाराम राठौर व सुनील राठौर को सूचना दी। कोतवाली पुलिस को खबर दी गई।

एक तरफ नि:संतान दंपती अपने घर के आंगन में किलकारी के लिए तरसते है, तो वहीं एक तरफ ऐसी निर्दयी मां भी होती है जो अपने जिगर के टुकड़े को नदी में फेंक मां और बेटी के पवित्र रिश्ते को तार-तार करने से बाज नहीं आती।

इस घटना ने वहां मौजूद स्थानीय लोगों को गहरी मानसिक पीड़ा दी। इस जघन्य कृत्य को लेकर चर्चा जोरों पर है। स्थानीय लोगों का दबी जुबान से बताया कि यह नवजात बच्ची किसी कुंवारी मां का हो सकता है। जिसे समाज के डर और लोकलाज के भय के कारण पालने का साहस नहीं हुआ और उसने अपने बच्चे को नदी में फेंक दिया। हर कोई यही सवाल कर रहे थे कि आखिर इस नवजात का क्या कसूर था?

स्थानीय निवासियों का मानना है कि पिहानी नगर व ग्रामीण क्षेत्रके लिए यह कोई पहली घटना नहीं है, जब किसी नवजात को इस सी नदी में फेंका गया हो। इससे पहले भी ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। जहां असामाजिक तत्वों या समाज की लोक लाज और दबाव के चलते नवजातों को सई नदी में फेंक दिया जाता है। कई बार तो बच्चे जिंदा भी मिले हैं, जिसे कोई इच्छुक महिला पालने के लिए लेकर चली गई।

फिलहाल मामले की सूचना मिलते ही कोतवाल विद्यासागर पाल व राजेंद्र ने मौके पर पहुंचकर नवजात के शव को अपने कब्जे में लेकर जांच में जुट गये है। पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेजने की तैयारी चल रही है।

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