बहुआयामी समाचार/मोहम्मद अशफाक

 गोला गोकरणनाथ खीरी । गोला वन रेंज के पश्चिमी बीट के रत्नापुर गांव के निकट  सड़क के किनारे घास काट रहे 12 वर्षीय किशोर प्रदीप कुमार पुत्र मोहनलाल निवासी कुकरा पर बाघ ने हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। घटनास्थल के नजदीक कार्य कर रहे सिख किसानों के पहुंचने पर बाघ किशोर को छोड़कर गन्ने के खेत में चला गया।


       ग्रामीणों के मुताबिक लगभग 5:00 बजे कुकरा निवासी 12 वर्षीय प्रदीप कुमार अपने छोटे भाई के साथ पशुओं के लिए चारा काटने के लिए कुकरा बांकेगंज रोड के लगभग आधा किलोमीटर अंदर रत्नापुर गया था। रत्नापुर को जाने वाली पक्की सड़क के किनारे गन्ने के खेत के नजदीक प्रदीप कुमार घास काट रहा था। उसका छोटा भाई उसके पास ही खड़ा था। अचानक गन्ने के खेत से निकलकर बाघ ने उसे पर हमला कर दिया। बाघ के हमले को देख उसका  छोटा भाई चीखने चिल्लाने लगा। किसी तरह किशोर संघर्ष करके बाघ के चंगुल से छूटकर धान के खेत की ओर भागा। धान के खेत में जाकर वह गिर गया। उधर छोटे भाई की चीख पुकार सुनकर आसपास फार्म हाउस बनाकर रह रहे सिख किसान और अन्य खेतों में कार्य कर रहे लोग लाठी डंडा लेकर बाघ की ओर किशोर को बचाने के लिए दौड़े। अचानक बड़ी भीड़ देखकर बाघ खेत में आगे चला गया। किशोर को खून से लथपथ देख उसे बांकेगंज सीएससी लाया गया जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया।
   मौके पर पहुंचे फॉरेस्टर अफजल खान ने बताया कि बाघ के हमले से ही किशोर घायल हुआ है।
18 जून को रत्नापुर में दो शावकों के साथ दिखाई दी थी बाघिन,
घटना स्थल के पास ही 18 को जून बुधवार को बाघिन दो शावको के साथ शाम 4:00 बजे सरदार पाला सिंह के फार्म के आसपास गन्ने के खेतों में दिखाई दी थी। जिसकी सूचना मिलने पर रेंजर गोला संजीव कुमार तिवारी, अंकित बाबू  वन दरोगा अजय भार्गव,वन दरोगा,अजीत कुमार श्रीवास्तव,वन दरोगा नरेश कुमार,वन दरोगा शैलेंद्र कुमार,  फॉरेस्टर अफजाल खान तथा वाचर गामा,नवल,सुधीर,छोटे, राकेश कुमार आदि वनकर्मी मौके पर पहुंचे थे तथा ग्रामीणों का सहयोग लेते हुए बाघिन और उसके शावकों को जंगल की ओर खदेड़ कर वापस चले गए थे। इससे पहले मजरा लौकिहा मे सुनीता देवी पत्नी रामचंद्र के घर पर लगभग रात्रि 12.बजे बाघ ने अचानक घर में घुसकर बछड़े पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया था। बलारपुर निवासी सरदार पाला सिंह ने बताया कि पहले भी बाघ के द्वारा कई पशुओं पर हमले किए जा चुके हैं। ,जिसमें वन विभाग के कोई भी आला अधिकारी संज्ञान लेना मुनासिब नहीं समझते हैं। किसानों ने उस समय यह आरोप लगाया था कि वन विभाग ग्रामीणों को बचाने का कोई उपाय नहीं कर रहा है और वह किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा था। उनका यह शक सच साबित हुआ और अंततः एक 12 वर्षीय किशोर बाघ के हमले से गंभीर रूप से घायल हो ही गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed

preload imagepreload image