अफजलगढ़ संवाददाता शाहवेज अहमद।
अफजलगढ़। नगर पालिका क्षेत्र अफजलगढ़ में मानो जंगलराज कायम हो गया है। एक ओर आवारा कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा, तो दूसरी ओर बंदरों के झुंड अब जानलेवा हमले कर रहे हैं। हालत यह हो गई है कि अब लोगों को अपने ही घर के दरवाजे पर खड़े होने में डर लगने लगा है। ताजा मामला मोहल्ला बेगम सराय का है, जहां मोहम्मद इदरीश पुत्र मोहम्मद उमर पर बंदरों ने उस समय हमला कर दिया, जब वह घर के बाहर खड़े थे।

हमला इतना खतरनाक था कि अगर समय रहते स्थानीय लोगों ने उन्हें बचाया न होता, तो उनकी जान भी जा सकती थी। बुजुर्ग को गंभीर चोटें आई हैं यह कोई पहला मामला नहीं है। करीब कुछ वर्ष पूर्व इसी नगर में एक लेखपाल की जान बंदरों के हमले में चली गई थी। उस वक्त भी नगर पालिका ने महज कागजी खानापूर्ति कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था।इतना ही नहीं, करीब एक माह पूर्व फैजी कॉलोनी में आवारा कुत्तों ने एक मासूम बच्ची को नोच-नोच कर मार डाला था। इस खौफनाक घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया था, लेकिन उसके बाद भी प्रशासन और पालिका की नींद नहीं टूटी। स्थानीय लोगों का कहना है कि अब सवाल जानवरों का नहीं, निकम्मी नगर पालिका का है। आखिर क्या नगर पालिका अगली मौत का इंतजार कर रही है अफजलगढ़ की जनता पूछ रही है कि हर बार किसी की जान जाने के बाद ही कार्रवाई क्यों होती है लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही इस जानलेवा संकट पर लगाम नहीं लगाई गई, तो वे सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।
“अब बंदरों और कुत्तों से नहीं, निकम्मी पालिका से डर लगता है।”-निवासी अफजलगढ़