सहसवान रेंज के कस्बा बिल्सी के समीप दिधोनी के पास राष्ट्रीय पक्षी मोर घायल अवस्था में मिला, स्थानीय लोगो द्वारा 112 पुलिस को सूचना दी गई, 112 पुलिस ने आकर वन विभाग को बुलाया, वन विभाग के कर्मी मोर को कट्टे में रख के ले गए, कल मोर की मृत्यु हो गई, जिसका पोस्टमॉर्टम ब्लॉक सहसवान पर तैनात पशु चिकित्सक कर्मवीर द्वारा किया गया, स्थानीय लोगो की माने तो मोर को बिना राष्ट्रीय सम्मान के दफना दिया।

दूसरी बात जहाँ आवारा और पालतू चोटिल पशुओं के उपचार के लिए उचित सुविधाय उपलब्ध ना होने का हवाला देकर बरेली IVRI रेफर कर दिया जाता है वहां राष्ट्रीय पक्षी के पोस्टमॉर्टम की सुविधाय कैसे संभव है जहाँ अत्यधिक गहन जाँच की जरूरत होती है। इसे वन विभाग की लापरवाही कहें या पशु पालन विभाग की? मोर के साथ हादसे के लिए वन विभाग द्वारा कोई भी वैधानिक कार्यवाही अमल में नहीं लायी गई, पूर्व में बिसौली रेंज में खेत में मरे हिरन के लिए और कोल्हाई नर्सरी में मिले हिरन के अवशेष के लिए भी कोई वैधानिक कार्यवाही नहीं की गई, वन विभाग निरंतर वन्य जीवों के साथ दुर्घटनाओ के मामले दवा रहा है।

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