हाथरस।सदर तहसील के सभागार कक्ष में महिला आयोग की सदस्या रेणु गौड़ ने पीड़ित महिलाओं की समस्या सुनी।इस दौरान उन्होंने कहा कि बच्चियों और महिलाओं के उत्पीड़न के मामलों में मानव अब दानव का रूप ले चुका है। 10 से 13 वर्ष तक की मासूम बच्चियों को भी नहीं छोड़ जा रहा है। महिलाओं का उत्पीड़न हमेशा से होता आया है, महिला किसी का उत्पीड़न नहीं कर सकती। अब भी तमाम इसी घटनाएं सामने आई है।जिसमें महिलाएं उत्पीड़न का शिकार हो रही है।

बता दें, कोतवाली हाथरस गेट स्थित सदर तहसील के सभागार कक्ष में राज्य महिला आयोग की सदस्या ने फरियादियों की फरियाद सुनी। वही राज्य महिला आयोग की सदस्या रेणु गौड़ ने बताया कि घरेलू हिंसा, संपति विवाद, मासूम बच्चियों के साथ घटनाओं के मामले सामने आते है।

आयोग कई मामलों में दोनों पक्षों को सुनकर समस्याओं का समाधान करता है। किशोरियों के अपरहण के मामले ज्यादातर सामने आते है। जिसमें नाबालिग किशोरियों का बहला फुसलाकर ले जाना कहते है कि यह अपनी मर्जी से आई है। इतना बड़ा बच्चा क्या अपना भला बुरा सोच सकता है।

राज्य महिला आयोग की सदस्य ने हाल की कुछ गंभीर घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि एक मामले में एक व्यक्ति ने गर्भवती महिला की गला दबाकर हत्या कर दी। फिरोजाबाद में एक बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना सामने आई। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं में आयोग पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर पीड़िताओं को न्याय दिलाने का काम करता है। महिला जन सुनवाई कार्यक्रम में पुलिस अधिकारी सहित कई विभागों के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

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