औरैया_अटसू क्षेत्र के गांव मोहद्दीनपुर में चल रही साप्ताहिक श्रीमद भागवत कथा में छठ वी दिन मंगलवार को तेजपुर लक्ष्मणपुर कानपुर देहात से पधारे आचार्य राकेश कुमार शास्त्री ने बताया कि भगवान कृष्ण और सुदामा बचपन में एक ही गुरु से शिक्षा दीक्षा लेने गुरूकुल में साथ रहे। तभी मित्रता हो गई थी।लेकिन वक्त के साथ भगवान दृवारिकाधीश हो गये। सुदामा दीन दशा में जीवन जीने लगे।एक वार जब वे अपने बचपन के मित्र से मिलने दृवारिकापुरी पहुंचते हैं ।तो उनकी दीन दशा देख द्रारपाल जाने नहीं देते।पर जब मिल भगवान को खबर मिलती है। तो वे नंगे पांव दौड़ पड़ते हैं।और मिलकर गले लगाते हुए सच्ची मित्रता दिखाते हैं। मित्रता में जाति पाति ऊंच नीच से परे होकर निभाई जाती है ।मित्र से बढ़कर कोई रिश्ता हो नहीं सकता ।कथा में विधिवत चरित्र चित्रण को सुधी जनों को सुनाया।
शास्त्री ने कथा में वर्णन करते हुए बताया। कि आज कल लोग मित्रता को भौतिक सुख व साधनों को देखकर करते हैं। जो कि मतलब परस्त होती है जिसमें जब तक लोगों का मतलब हल होता है ।तभी तक के लिए मित्र बनाये जाते हैं।जबकि मित्रता तो कृष्ण सुदामा की थी। जिसके तार दिलों से जुड़े थे।इसी सोच को लेकर गरीब सुदामा बचपन के यार से पत्नी के कहने पर एक मुट्ठी कन्दुक की पोटली लेकर महलो में पहुंचा तो द्रारपालो ने महाराज कृष्ण को बताया कि एक भिखारी आपसे मिलना चाहता है ।तो प्रभु के परिचय पूछने पर बताया ,,धोती फटी सी लटी डुपटी करि पाह उपानह कीना,बतात है नाम सुदामा।इतने सुनते ही भगवान सिंहासन छोड़ उपानहे ही मिलने को दौड़ पड़ते हैं।मिलकर गले लगाते हुए भीतर ले जाकर सिंहासन पर बैठाया और पैर धोने को पानी लाते हैं ।तभी कहा गया पानी परात को छुओ नहि नैनन के जल से पग धोए, ऐसा अकाट्य प्रेम ही मित्रता को सार्थक बना सकता है।लेकिन विदेशी सभ्यता ने अपने समाज में दोस्ती नाम को कलंकित कर दिया है।आज कल दोस्तों का नैतिक पतन हो गया है।जरा सी बात बिगडने पर मन मलीन करते हुए गिराने के भाव पाल लेते हैं।जिससे समाज में एक दूसरे से लोगो का भरोसा उठ रहा है। अन्तिम दिवस पर कथा में सुदामा चरित्र सुन लोगों की आंखों से अश्रु निकलते रहे।कथा में परीक्षित बने श्याम सिंह राजपूत व रमा देवी ने बताया कि आज छठवां दिन की कथा में सैकड़ों जिजमानो ने उपस्थित रहकर रसास्वादन किया।गुरुवार को समापन पर प्रसाद वितरण किया जायेगा ।जिसके साथ विधिवत समापन होगा कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त ग्रामीण मौजूद है।
रजनीश कुमार की खास रिपोर्ट