बदायूँ : जिलाधिकारी दीपा रंजन ने मुख्य विकास अधिकारी ऋषि राज एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रदीप वार्ष्णेय के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिल्सी एवं 30 शैय्या मैटरनिटी विंग का गुरुवार को औचक निरीक्षण किया। यहां उन्होंने स्टॉक एक्सपायरी डेट सहित विभिन्न पंजिकाओं का अवलोकन किया कोल्ड चैन एवं एक्स-रे रूप में पहुंचकर व्यवस्थाओं को देखकर इसके टेंपरेचर को मेंटेन करने व रखरखाव की जानकारी ली। यहां ना तो दवाओं की वॉल पेंटिंग की गई थी ना ही किसी वार्ड के आगे लिखा था कि यहां किस प्रकार की जांच की जाती है। इसके अलावा यहां ग्रामीणों ने पीएम से शिकायत की कि सरकारी चिकित्सालय होने के बावजूद बाहर मेडिकल से लाने के लिए दवाओं को लिखा जाता है। डीएम ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रशांत त्यागी की कड़ी फटकार लगाते हुए कड़े निर्देश दिए कि दवाओं एवं स्वास्थ्य परीक्षण की सूची वॉल पेंटिंग कराई जाए।

30 शैय्या मैटरनिटी विंग पहुंच कर जब पंजिका का अवलोकन किया तो पाया कि प्रातः 7 बजे एक महिला की डिलीवरी हुई है और जब 2 घंटे बाद 9 बजे डीएम वहां पहुंची तो जच्चा बच्चा दोनों में कोई भी मौजूद नहीं था। डीएम ने इस संबंध में जानकारी ली तो बताया गया कि वह चले गए। डीएम ने यहां भोजन रजिस्टर का अवलोकन किया तो वह भी पूरी तरह से मेंटेन था जब डीएम ने भोजन की गुणवत्ता परखने के लिए रसोई का रुख किया तो वहां खाना बनाने के बर्तन तक मौजूद नहीं थे डीएम ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। डीएम ने निर्देश दिए कि प्रसव केंद्रों में प्रसूता को कम से कम 48 घंटे रोका जाए इस दौरान उन्हें आवश्यक टीकाकरण करें एवं भोजन भी उपलब्ध कराया जाए। इसके अलावा साफ सफाई का विशेष ख्याल रखें एवं बेडशीट भी नियमित रूप से बदली जाती रहे।

✍️ ब्यूरो रिपोर्ट आलोक मालपाणी (बरेली मंडल)

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