अधिवक्ताओं की एसडीएम और तहसीलदार न्यायालय के खिलाफ चल रही  काम बंद हड़ताल 30 वें दिन भी जारी रही। इस दौरान अधिवक्ताओं ने कचहरी परिसर से जुलूस निकाल कर तहसील में एसडीएम, तहसीलदार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि जब तक एसडीएम और तहसीलदार का स्थानांतरण नहीं हो जाता है काम बंद हड़ताल जारी रहेगी। वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम गुप्ता ने कहा कि तहसील में वादकारियों का आर्थिक दोहन किया जा रहा है। रागिव अली ने कहा कि अधिवक्ता गण कानून के दायरे में रहकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारी उनकी आवाज को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। बार अध्यक्ष रविंद्र नारायण सक्सेना ने कहा कि अधिवक्तागण एक माह से हड़ताल पर है। प्रशासन के उच्चाधिकारियों को उनकी आवाज सुनाई नहीं दे रही है। इस संबंध में बार अध्यक्ष ने पुनः डीएम, कमिश्नर, अध्यक्ष बोर्ड ऑफ रेवेन्यू उत्तर प्रदेश, प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन व मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर शिकायत की है।

इसके अलावा मुख्यमंत्री से अधिवक्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल के मिलने हेतु समय मांगा गया है। प्रदर्शन के दौरान सरफराज अली नवेद, राज कुमार सक्सेना, महावीर यादव, अनेकपाल सिंह, सूरजपाल यादव, नरेंद्र गोपाल सक्सेना, शांतिशरण शर्मा, रविंद्र अग्निहोत्री, सतीश यादव, धर्मेंद्र यादव, सोमवीर यादव, ओसामा अंसारी, ओंकार वार्ष्णेय, नरोत्तम सिंह यादव, राकेश सैनी आदि मौजूद रहे।

✍️ ब्यूरो रिपोर्ट आलोक मालापाणी (बरेली मंडल)

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