एमडी ब्यूरो/नई दिल्ली:डिजिटल प्लेटफॉर्म डिजिलॉकर पर उपलब्ध केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के आनलाइन अंकपत्र, पासिंग सर्टिफिकेट व माइग्रेशन कानूनी रूप से मान्य होंगे। सीबीएसई ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से आग्रह किया है कि वह इनकी डिजिटल कापी भी स्वीकार करें।
कदम उठाने की ये है वजह
कुछ विश्वविद्यालय व कालेजों द्वारा छात्रों से अंकपत्र व माइग्रेशन की हार्डकापी मांगे जाने की जानकारी मिलने पर सीबीएसई ने यह कदम उठाया है। विद्यार्थियों का हित प्रभावित न हो इसके लिए बोर्ड ने यूजीसी सचिव को पत्र लिखकर उच्च शिक्षण संस्थानों को क्यूआर कोड और डिजिटल हस्ताक्षर के साथ दस्तावेजों की डिजिटल कापी स्वीकार करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।सीबीएसई ने 22 जुलाई को 12वीं के परिणाम जारी करते समय कहा था कि जल्द ही 12वीं के अंकपत्र व माइग्रेशन की छपी कापी भी जारी की जाएगी। तब तक उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने वाले छात्र डिजिलाकर पर उपलब्ध अपने डिजिटल दस्तावेजों का उपयोग कर सकते हैं।