औरैया जिले की अजीतमल क्षेत्र के नियामतपुर की रहने वाली है सरला दस्यु सुंदरी थी चंबल की घाटियों में निर्भय गुर्जर गैंग की कमान संभालने वाली दस्यु सुंदरी सरला को 18 साल बाद जमानत मिल गई है l वह इटावा जिला जेल में बंद थी l सरला ने साल 2004 में समर्पण किया था l वह निर्भय की बहू थी l इसलिए गैंग मे उसकी खूब बात मानी जाती थी l लेकिन कानून के आगे उसको भी समर्पित करना पड़ा l बीती शाम हाईकोर्ट के वकील की दलाली को सुनकर उसे जमानत दे दी l दस्यु सरगना निर्भय गुर्जर ने साल 1994 में बसंती से दूसरी शादी की थी l कुछ दिन तक तो बसंती रही लेकिन एक दिन मौका पाकर वह गैंग से भाग गई l बसंती के भागने के बाद निर्भय को खतरा समझ में आने लगा , क्योंकि वह गैंग के काफी रहस्य जान चुकी थीl

निर्भय खुद और गैंग के सदस्यों से बसंती की खोज कराने में जुट गया l कई सालों तक बसंती का कोई पता नहीं चला, लेकिन निर्भय हर समय अंदर से डरा रहता था l साल 1999 मैं निर्भय की खोज पूरी हुई और उसने बसंती को ढूंढ निकाला l इसके बाद बसंती और उसके भाई की हत्या कर दी l बसंती के भाई की बेटी सरला जाटव को अपने साथ उठा लाया l उस समय सरला की उम्र महज 11 साल थी l 2 साल बाद जब वह 13 साल की हुई तो निर्भय ने अपने दन्तक पुत्र श्याम से उसकी शादी करा दी श्याम से शादी के बाद सरला बीहड़ में दस्यु सुंदरी के नाम से पहचानी जाने लगी l श्याम की शादी के बाद कुछ घटनाओं में उसका नाम सामने आया l इससे वह पुलिस की नजर में आ गई l देखते ही देखते वह इनामिया बदमाश बन गई l निर्भय गुर्जर भी बाहर रहता था , तब गैंग की कमान सरला के हाथ में होती थी l सरला को अपना लीडर मानते थे l बताया जाता है कि सरला की शादी भले ही श्याम गुर्जर से हुई थी l

लेकिन निर्भय ने भी उससे संबंध बना लिए थे l इससे वह निर्भय की सबसे खास बन गई थी, निर्भय भी सबसे ज्यादा भरोसा सरला पर ही करता था l निर्भय के मरने के बाद साल 2004 में सरला ने इटावा पुलिस के सामने सिलेंडर कर दिया था l तभी से वह जेल में बंद थी इसके खिलाफ लूट, अपहरण, हत्या सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज है l

रिपोर्टर – रजनीश कुमार

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