एमडी ब्यूरो/लखनऊ:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक दिवस पर शिक्षकों का आह्वान करते हुए कहा कि हमारे थोड़े से प्रयास से परिवर्तन हो सकता है। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि पूर्व छात्रों को जोड़ने के लिए स्कूलों में पुरातन छात्र परिषद बनाई जानी चाहिए। इससे शिक्षा का स्तर सुधारने में मदद मिलेगी।लोकभवन में सोमवार को बेसिक शिक्षा के 10 शिक्षकों को राज्य पुरस्कार और टॉपर बच्चों के स्कूल के आठ प्रधानाध्यापकों को सम्मानित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरस्कार सिर्फ सम्मान नहीं, बल्कि नई जिम्मेदारी है। जितना किया है, अब उससे आगे बढ़कर दूसरों के सामने उदाहरण प्रस्तुत करना है। वर्ष 2017 में कई बेसिक स्कूल बंद होने की कगार पर थे और लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजना नहीं चाहते थे लेकिन अब सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ी है। शिक्षा जगत के बदलाव देख कर कह सकते हैं कि भारत विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है। पहले वे सम्मानित होते थे जो स्कूल ही नहीं जाते थे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को शिक्षकों को सम्मानित करते हुए कहा कि वर्ष 2016 में बेसिक में 1.34 करोड़ बच्चे पढ़ रहे थे, जबकि अब यह संख्या बढ़कर 1.91 करोड़ हो गई है। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा में 1.26 लाख भर्तियां हुईं और माध्यमिक में 40 हजार शिक्षकों की भर्तियां हुईं।
मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों के कामकाज पर तंज करते हुए कहा कि वर्ष 2017 से पहले वे शिक्षक अक्सर पुरस्कार प्राप्त करते थे जो स्कूल नहीं जाते थे। एक बार पुरस्कार वितरण इसलिए ही स्थगित कर दिया था। वास्तविक शिक्षक इससे अपमानित महसूस करता है।
बच्चों से झाड़ू लगाने पर क्या बोले सीएम
मुख्यमंत्री ने फिर कहा कि जब सुनता हूं कि स्कूल में बच्चों से झाडू लगवाई गई तो मैं इसे सकारात्मक तरीके से देखता हूं। अपने स्कूल में झाड़ू लगाना कहां से बुरा होता है? अपने घर को साफ करना कहां से नकारात्मक है। उन्होंने कहा कि स्कूल से लेकर प्रदेश तक को निपुण बनाना है। यह अभियान सभी शिक्षक अपने हाथ ले लें। 30-40 बच्चों की जिम्मेदारी लें। पिछले पांच सालों के कामों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि शासन संभाला तो कई बेसिक स्कूलों में गन्दगी का अंबार होता था। पेड़-पौधे जहां-तहां उगे रहते थे लेकिन अब ऑपरेशन कायाकल्प की बदौलत स्कूल चमक रहे हैं।
मुख्यमंत्रीने ये भी कहा
मुख्यमंत्री बोले कि पांच साल में हमने बहुत काम किए, लेकिन अभी बहुत कुछ करना है। तबादले, भर्ती और तैनाती में हमने मानवीय दखल खत्म किया।मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमने सत्ता संभाली थी उस समय परीक्षाएं चल रही थीं। सामूहिक नकल की शिकायतें आ रही थीं। हमने नकल रोकने के आदेश दिए। तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा मंत्री व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा खुद निरीक्षण के लिए निकले। परिणामस्वरूप नकल पर अंकुश लग पाया और उस वर्ष रिजल्ट थोड़ा खराब रहा। 2018 में कहीं से भी नकल की खबरें नहीं आयीं।
10 बेसिक शिक्षकों का सम्मान
● दिनेश वर्मा, बाराबंकी
● रविकांत द्विवेदी, मिर्जापुर
● ज्योति कुमारी, भदोही
● मनीष देव, अयोध्या
● सदाशिव, आजमगढ़
● अरुणा कुमारी, हापुड़
● रश्मि मिश्र, प्रतापगढ़
● श्रीकांत कुलश्रेष्ठ, आगरा
● श्रीराम हरिजन, बलरामपुर
● सुनील कुमार, गोंडा
आठ प्रधानाचार्य हुए सम्मानित
● रमेश चन्द्र वर्मा- अनुभव इण्टर कालेज, कानपुर नगर
● विक्रम सिंह, जय मां एसजीएमआईसी, फतेहपुर
● नीरज भारद्वाज, लक्ष्मण दास यजुर्वेद कॉलेज, बुलन्दशहर
● सरिता गुप्ता, गंगोत्री देवी बालिका विद्यालय, बलिया
● आशु त्यागी, स्टाकिश इण्टर कालेज, खीरी, शामली
● रेनू सिंह, एमिटी इंटरनेशनल स्कूल, गौतमबुद्ध नगर
● वनिता मेहरोत्रा, शीलिंग हाउस स्कूल, कानपुर
● आभा अनंत, सीएमएस, लखनऊ