एमडी ब्यूरो/नई दिल्ली:आज कल आधार सभी सरकारी, गैरसरकारी, योजनाओं का लाभ लेने का सबसे मुख्य दस्तावेज या पहचान पत्र बन गया है।ऐसे में आधार की अनिवार्यता को देखते हुए जल्द ही देशभर में आधार लिंक्ड बर्थ सर्टिफिकेट सेवा शुरू हो जाएगी। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कई राज्यों में आधार लिंक्ड बर्थ सर्टिफिकेट सेवा की शुरुआत हो चुकी है। अन्य राज्यों को भी इस सेवा को शुरू करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस सेवा के तहत शिशु का जन्म होते ही उसका आधार कार्ड बन जाता है और उस नंबर के साथ ही स्थानीय निकाय से जन्म प्रमाणपत्र जारी हो जाता है। नवजात के चेहरे का फोटो लेकर उसका आधार कार्ड तैयार किया जाता है।

आधार को हर 10 साल में करना पड़ सकता है अपडेट, अभी पांच और 15 वर्ष की आयु के बाद के बच्चों को आधार अपडेट कराना अनिवार्य

कुछ फीसदी लोगों को छोड़कर देश में करीब सभी वयस्कों का बन चुका है आधार भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) आधार में महत्वपूर्ण बदलाव करने की तैयारी में है। इसके तहत लोगों को 10 साल में आधार अपडेट कराना पड़ सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि अभी पांच और 15 वर्ष की आयु के बाद के बच्चों को आधार के लिए अपने बायोमीट्रिक्स को अपडेट या नया करना आवश्यक है।उन्होंने कहा कि यूआईडीएआई लोगों को हर 10 साल में एक बार अपने बायोमीट्रिक्स, जनसांख्यिकी आदि को अपडेट करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा कि एक बार जब कोई व्यक्ति एक निश्चित उम्र से अधिक हो जाता है, उदाहरण के तौर पर 70 वर्ष, तो इसकी आवश्यकता नहीं होगी।यूआईडीएआई ने मेघालय, नगालैंड और लद्दाख में कुछ फीसदी लोगों की संख्या को छोड़कर देश में करीब सभी वयस्कों का आधार बन चुका है। उन्होंने कहा कि नगालैंड में एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर) मुद्दे के कारण नामांकन देर से शुरू हुआ, जबकि नगालैंड और लद्दाख में कुछ दूरदराज के इलाकों को कवर किया जाना बाकी है।


नामांकन केंद्रों से जोड़े जाएंगे डाकिये

यूआईडीएआई के पास 50,000 से अधिक नामांकन केंद्र हैं। जल्द ही 1.5 लाख डाकियों को भी इसके तहत जोड़ने की तैयारी है। शुरुआत में ये डाकिये आधार कार्ड धारकों के मोबाइल नंबर और पते अपडेट करेंगे। इससे लोगों को घर बैठे आधार नामांकन जैसी सुविधाएं मिल सकेंगी।यूआईडीएआई राज्यों की कल्याणकारी योजनाओं के साथ जुड़ने की तैयार कर रहा है। यह फर्जीवाड़ा रोकने में मदद करेगा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की डिजीयात्रा योजना को भी यात्रियों के सत्यापन के लिए आधार से जोड़ा जाएगा।

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