उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने मुन्ना भाइयों पर नकेल डालने के लिए समूह ‘ग’ भर्ती परीक्षा का पैटर्न बदल दिया है। अभी तक आठ सिरीज में प्रश्नपत्र दिए जाते थे, लेकिन भविष्य में होने वाली परीक्षाओं के लिए इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। नई व्यवस्था में प्रश्न पत्र संख्या के आधार पर मूल्यांकन होगा।
ये है कारण
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को समूह ‘ग’ तक के पदों पर भर्ती का अधिकार है। आयोग ने लेखपाल के 8085 पदों पर भर्ती के लिए जुलाई में परीक्षा कराई थी। एसटीएफ ने नकल कराने वालों को परीक्षा के दौरान पकड़ा था। पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली थीं। एसटीएफ ने इसकी जानकारी आयोग को को भी दी थी। इसमें बताया गया कि कैसे एक सिरीज के प्रश्नपत्र में सेंधमारी करके नकल कराते हैं।आयोग के अध्यक्ष प्रवीर कुमार ने सदस्यों के साथ बैठक कर इस पर विचार-विमर्श किया। इसमें तय किया गया कि तय सिरीज की व्यवस्था समाप्त कर दी जाए। आयोग के सदस्यों की बैठक में इस पर सहमति बनने के बाद नई परीक्षाओं में यह व्यवस्था लागू करने का फैसला किया गया है। प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (पीईटी) से इसकी शुरुआत की जाएगी।
ऐसे रुकेगी सेंधमारी
1.परीक्षार्थियों को प्रश्नपत्र क्रमांक ठीक से भरना होगा। इसके आधार पर ही मूल्यांकन होगा। कौन सा प्रश्नपत्र किस सिरीज का है इसे प्रश्न संख्या के आधार पर ‘डिकोडिफिकेशन’ किया जाएगा। इसका पता मूल्यांकन के समय ही चलेगा।
2.परीक्षार्थियों को ओएमआर शीट में प्रश्न पत्र (क्यूपी) संख्या (कोडीफाइड) भरते समय इसका विशेष ध्यान रखना होगा। परिणाम केवल क्यूपी नंबर (डिकोडिफिकेशन के बाद) के आधार पर दिया जाएगा। आयोग इस कदम के बाद भर्ती परीक्षाओं में नकल कर पाना लगभग असंभव होगा।