मां का बेटा, बहन का भाई, आपका नेता, फैसल भाई ,हर सुख दुख में सबके के बीच रहूंगा खिदमत जारी रहेगी.

बिजनौर-स्योहारा की जनता ने मतदान करते ही बोल दिया था फैसल वारसी जीत गए, जहां बड़े बड़े धुरंधर चुनावी मैदान में थे तो उन सबके बीच इस बार शहर की आवाम ने मोहल्लेवाद / बिरादरी वाद से ऊपर उठकर युवा, शिक्षित और अपने प्रिय नेता फैसल वारसी को नगरपालिका की कमान सौंपकर अपना चेयरमैन चुना है। शेख फैसल वारसी ने इस बार सर्व समाज के प्रेम के बल पर आप की झाडू के साथ 5712 वोट पाकर 430 वोट से विजय हासिल की है। जबकि भाजपा प्रत्याशी डॉ विनीत देवरा 5282 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे इसके अलावा नईम उल हसन की पत्नी तरनुम मलिक को 4467 वोटो पर संतोष करना पड़ा, इस चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान में निवर्तमान चेयरमैन हाजी अख्तर जलील रहे जिनको इस बार केवल 2820 ही वोट मिले जो कि पिछली बार के आधे से भी कम रहे। वही दूसरी और राष्ट्रीय जनता दल प्रत्याशी शुऐब असलम अंसारी भी 2478 वोट लेने मै कामयाब रहे और बसपा प्रत्याशी आमिर चोधरी भी केवल 1279 वोटो पर सिमट गए तो वहीं इसके अलावा कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ दानिश कमाल को भी केवल 795 वोट ही मिल पाए। कुल मिलाकर इस बार जहां मुकाबला कड़ा था तो वहीं वोटर भी खामोश था जिसकी वजह से अंदाजा लगाना मुश्किल था कि आखिर जीतेगा कोन
बड़े- बड़े धुरंधरों को पछाड़ कर बदला इतिहास.
आखिरकार शनिवार को शुरू हुई मतगणना में पहले ही राउंड से फैसल वारसी अपनी बढ़त बनाये हुए थे और आखिर में उन्हें 430 वोटो से विजय भी घोषित कर दिया गया,लेकिन विपक्ष को उनकी जीत हजम नहीं हुई और उन्होंने फैसल वारसी की जीत का सर्टिफिकेट रुकवाकर स्थिति को गर्म कर डाला लेकिन इस बीच कुछ मीडिया कर्मी ने अपनी निष्पक्षता पूर्वक भूमिका निभाई और प्रशासन से बात की जिसके बाद आखिकार प्रशासन को फैसल वारसी को ही विजय घोषित करना पड़ा। इस खबर को सुनकर उनके समर्थकों और शहर में जश्न का माहौल बन गया हर कोई अपने नेता के स्वागत के लिए बेकरार दिखने लगा, लेकिन प्रशासन की सख्ती के चलते कोई विजय जुलूस और जश्न नही मनाया गया, लेकिन फैसल वारसी ने आवाम से रूबरू होते हुए सभी की दुआओ और मोहब्बत का शुक्रिया अदा किया, और कहा कि जिस भरोसे से लोगो ने मुझे चुना है उस पर पूरी रह से खरा उतरने की कोशिश करते हुए हर वो जरूरी काम करूंगा जिसकी जरूरत शहर और आवाम को है। इसके अलावा उनके एनआरआई भाई विकार वारसी ने कहा कि मेरे भाई फैसल वारसी का मकसद शहर और अपनी आवाम की खिदमत करना रहा है जिसके लिए वो आप सबके बीच सालो से अपनी खिदमत दे रहा था और इस बार आपने उनको अपना प्रतिनिधि चुनकर वाकई शहर के विकास और आपसी भाईचारे को चुना है। बताते चले कि पिछले चुनाव में हार का सामना करने के बावजूद भी फैसल वारसी ने अपनी हिम्मत और खिमदत नही छोड़ी थी, और वो 5 साल पूरी शिद्दत से जरूरतमंदों की खिदमत में डटे रहे और अल्लाह के करम से इसी का नतीजा रहा कि उनको इतनी बड़ी जीत हासिल हुई।

बिजनोर से मोहम्मद फैजान की रिपोर्ट

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