रिपोर्ट:धर्मेन्द्र कसौधन

योगी सरकार ने बीते 29 सितम्बर को 10 IAS अफसरों का तबादला किया जिनमें महराजगंज के वर्तमान जिलाधिकारी का तबादला करते हुए उन्हें बाराबंकी जिले का जिलाधिकारी बनाया गया तो वहीं महराजगंज के नए जिलाधिकारी अनुनाया झा को बनाया गया है। आइए जानते हैं कौन है अनुनय झा ?

 यूपीएससी एक ऐसी प्रतियोगी परीक्षा जिसमें सफलता हासिल करने का सपना लाखों अभ्यर्थी हर साल देखते हैं, लेकिन कुछ अभ्यर्थियों को ही इस कठिन परीक्षा में सफलता हासिल मिल पाती है। बाकी का सपना, सपना ही रह जाता है। यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए बेहद कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।यही वजह है कि जो अभ्यर्थी इस परीक्षा में सफलता हासिल करते हैं, वो अन्य अभ्यर्थियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन जाते हैं। आज के इस पोस्ट में हम एक ऐसे आईएएस अधिकारी की सफलता की कहानी के बारे में बताएंगे जिन्होंने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता का परचम लहरा दिया। इस आईएएस अधिकारी का नाम अनुनय झा है।

कौन हैं आईएएस अनुनय झा

अनुनय झा झारखंड राज्य के देवघर के रहने वाले हैं। इनके पिता का नाम नित्यानंद झा है। इनके पिता भी सिविल सर्विसेज में अपना योगदान दे चुके हैं। इनकी माता का नाम अलका झा है जो भारतीय डाक विभाग के बोर्ड की सदस्य हैं। अनुनय की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के चाणक्यपुरी संस्कृत स्कूल से हुई है।

बचपन से ही पढ़ाई में मेधावी रहने वाले अनुनय ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद देश के सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरिंग कॉलेज आईआईटी रुड़की में इंजीनियरिंग के लिए प्रवेश लिया। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने विश्व बैंक के एक प्रोजेक्ट में कुछ समय तक काम किया । लेकिन बचपन से ही समाज सेवा में रुचि होने की वजह से ये यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में जुट गए।

IAS अधिकारी के पावर को जमीनी स्तर पर लागू हेतु लिया फैसला

अपने आईएएस बनने के सफर के अनुभव को साझा करते हुए अनुनय ने बताया कि जब वह विश्व बैंक के प्रोजेक्ट से जुड़े हुए थे तब उन्हें एहसास हुआ कि किसी भी प्रोजेक्ट को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए आवश्यक है कि हांथ में पावर हो, और ये पावर एक आईएएस अधिकारी के पास होता है।

Anunaya Jha ias : नाना का सपना पूरा करने के लिए इंजीनियरिंग छोड़कर शुरू की UPSC परीक्षा की तैयारी, दूसरे प्रयास में बनें IAS अधिकारी 2

इस प्रोजेक्ट से जुड़ने के बाद ही इनके मन में आईएएस अधिकारी बनने की आस जगी।इस आस को पूरा करने के लिए ये तैयारी में जुट गए। इनकी कड़ी मेहनत और लगन की बदौलत आज इन्होंने अपने आईएएस अधिकारी बनने का सपना पूरा कर लिया है।

57वीं रैंक हासिल कर बनें IAS अधिकारी

साल 2013 में पहले ही प्रयास में अनुनय ने ऑल इंडिया 145वीं रैंक के साथ यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली। इस परीक्षा में सफलता हासिल करने के बाद इन्हें इंडियन रिवेन्यू सर्विस (IRS) पोस्ट मिली। लेकिन इनका सपना आईएएस अधिकारी बनने का था। इसलिए इन्होंने यूपीएससी का प्रयास करना नहीं छोड़ा और इनकी मेहनत रंग लाई और दूसरे प्रयास में फिर यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर लिए। साल 2014 में ऑल इंडिया 57वीं रैंक के साथ इन्होंने यूपीएससी में सफलता हासिल की और आईएएस अधिकारी बनने का अपना सपना पूरा किया।

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अनुनय ने एक साक्षात्कार में बताया है कि उनके नाना एक DGP थे। सिविल सेवाओं में IAS अधिकारी बनकर देश की सेवा करने की प्रेरणा उन्हें अपने नाना से ही मिली. अनुनय के नाना स्वर्गीय बलबीर झा 1962 बैच के IPS अधिकारी थे और 1994-97 वो बिहार के DGP भी रहे थे। उनका सपना पूरा करने के लिए भी अनुनय ने IAS अधिकारी बनने का फैसला किया था।

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