मुरारी यादव बाराबंकी जिला संवाददाता
रामसनेहीघाट के तहसील में आज सम्पूर्ण तहसील दिवस जिलाधिकारी अविनाश कुमार की अध्यक्षता में हुई। जिसमें तहसील और थाने के काफी मामले ऐसे नजर आये जिनको वर्षों से न्याय नहीं मिल सका। एक दिव्यांग अशर्फीलाल निवासी मालिनपुर ब्लाक बनीकोडर जिसको एक वर्ष से अधिकारी और कर्मचारी पेंशन के लिए दौड़ा रहे हैं काम नहीं कर रहे हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि पेंशन के लिए चक्कर लगा रहे बुजुर्गों और उसको लेकर अधिकारियों के पास दौड़ रहा शख्स जिसका नाम शत्रोहन है दोनों लोगों के पैरों में चप्पल नहीं है इस ठंड के मौसम में नंगे पैर अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं बुजुर्ग अशर्फीलाल और शत्रोहन जिनकी स्थिति क्या है यह इनको ऊपर से नीचे तक देखने से आभास होता है कि दोनों लोग नंगे पर चल रहे हैं जिस पर किसी भी अधिकारियों की नजर नहीं जा रही है देखते हैं अब कि जिला अधिकारी को अपना प्रार्थना पत्र देने के बाद से अब पेंशन विभाग का कौन सा अधिकारी इनके ऊपर मेहरबानी दिखाता है इनकी पेंशन बनती है या नहीं बनती है देखने से इनकी माली हालत अच्छी नहीं है फिर भी अधिकारियों की नजर इन पर नहीं पड़ रही है।
बारिनबाग चौकी के बगल रहने वाली 90 वर्षीय वृद्धा फूलमती पत्नी श्यामलाल विपक्षी राधा पत्नी लल्ला,अंशू पुत्र लल्ला अन्नपूर्णा पुत्री लल्ला निवासी पड़ोसी ने पीड़ित की दीवार पर कब्जा कर लिया है तथा उसके लगाये हुए पेड़ों को नष्ट कर रहे हैं।
ऐसे में प्रार्थिनी काफी समय से लगभग दो महीने से न्याय के लिए राज्यमंत्री सतीश शर्मा के पास भी गयी थी। लेकिन उसे आज तक न्याय नहीं मिला।यह बहुत ही निन्दनीय कृत्य विभागों का चल रहा है।जो कि आज के तहसील दिवस में देखने को मिली।
मरखापुर निवासी मजरे जेठौती राजपूतान ब्लाक दरियाबाद के जगेदीन पुत्र सुन्दर काफी गरीब है और गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करता है। आवास विहीन होने के कारण यह फूस की झोपडी में रहता है। आवास व शौचालय के नाम पर ग्राम पंचायत विकास अधिकारी और रोजगार सेवक पैसों की डिमांड कर रहे हैं। जब कि इसने मुख्य विकास अधिकारी को पिछले महीने अवगत भी कराया था लेकिन भृष्टाचार की भेंट चढ़ गई है तहसील दिवस और थाना दिवस। शिवकुमार ग्राम खुशेहटी ब्लाक बनीकोडर ने मकान का पानी इकट्ठा होने और जहरीले डेंगू मच्छर से बचने के लिए जल निकासी के लिए प्रार्थना पत्र दिया है। इस तहसील दिवस में नाली प्रकरण, चकमार्ग तथा सम्मान निधि के काफी प्रार्थनापत्र आये।