बहुआयामी समाचार आशिफ रईस बिजनौर – हजारों ज्ञापन विज्ञापन आवेदन आरटीआई व जनहित याचिकाएं शिकायत पत्र सुझाव पत्र देने के बावजूद भी परिणाम यह हो रहा है कि अधिकतर आधिकारिक दस्तावेजों को डस्टबिन में डाला जा रहा है। भारत की शासन प्रशासन प्राणी पर एक बड़ा प्रश्न मार्क? शिक्षा तकनीकी एवं अनुसंधान में बदलाव के लिए जरूरी है राजनीति में बदलाव व राजनीतिक दखलबाजी को जड़ से समाप्त कराना, जिस उद्देश्य से बहुआयामी राजनीतिक पार्टी (बी.ए.पी) का गठन किया जा रहा है जिसमें पदाधिकारी के लिए समाजसेवियों अधिवक्ताओं पत्रकारों स्नातकों महिलाओं को आमंत्रित किया जा रहा है जो कि पिछले समय से बहुआयामी में संस्था के द्वारा शिक्षा तकनीकी अनुसंधान के क्षेत्र में कैटालिस्ट उत्प्रेरक की तरह कार्यरतहै।बहुआयामवादबहुआयामी व्यक्तित्व या बहुआयामवाद को परिभाषित करने से पहले निम्न धारणा पर विशेष ध्यान आकर्षित करते हैं बहुआयामी शब्द की उत्पत्ति आयामों, विमाओं, दिशाओं, से होती है उदाहरण के तौर पर यदि बहुआयामी की बात करें तो देखते हैं कि हम तीन दिशाओं में जीवन व्यतीत कर रहे हैं जिसको हम आगे,पीछे आएं, बाएँ, ऊपर, नीचे बोल पाते हैं उदाहरण के तौर पर यदि किसी कीड़े को एक धागे पर रेंगने के लिए स्वतंत्र कर दिया जाए तो वह एक ही विमा का अनुभव कर सकेगा ठीक इसी प्रकार यदि उसे एक मेज पर बैठा दिया जाए तो वह दो विमाओं का अनुभव करेगा यदि वही कीड़ा उड़ने के लिए स्वतंत्र है तो वह तीन दिशाओं का अनुभव कर सकेगा। ठीक इसी प्रकार से बहुआयामी शिक्षा बहुआयामी तकनीकी और बहुआयामी अनुसंधान को संज्ञान में लेते हुए बहु आयामवाद की परिभाषा दी जा रही है। वर्तमान समाज की स्थिति और परिस्थितियों को समझते हुए शिक्षा तकनीकी एवं अनुसंधान में अहम बहुआयामी सोच के साथ बदलाव करने की आवश्यकता है। जो की बहुआयामवाद बहुआयामी राजनीतिक पार्टी का प्रमुख उद्देश्य रहेगा।

ब्यूरो रिपोर्ट आसिफ राइस बिजनौर 🖋️

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