संगठन (organisation) वह सामाजिक व्यवस्था या युक्ति है जिसका लक्ष्य एक होता है, जो अपने कार्यों की समीक्षा करते हुए स्वयं का नियन्त्रण करती है,
बहुआयामी संगठन
संगठन (organisation) वह सामाजिक व्यवस्था या युक्ति है जिसका लक्ष्य एक होता है, जो अपने कार्यों की समीक्षा करते हुए स्वयं का नियन्त्रण करती है,
बहुआयामी संगठन महत्त्व
संगठन निम्नलिखित कारणों से महत्वपूर्ण है-
समन्वय में सुविधा अधिकार प्रत्यायोजन में सुविधा
भ्रष्टाचार की समाप्ति संचार में सुविधा
अच्छे मानवीय संबंधों को बढ़ावा मनोबल का विकास
विशिष्टीकरण को बढ़ावा उपक्रम के कार्यों को व्यवस्थित करना
विकास को बढ़ावा रचनात्मक विचारधारा को प्रोत्साहन
व्यवस्था का निर्माण प्रबन्धकीय कार्य क्षमता में वृद्धि
साधनों का अनुकूलतम उपयोग व्यक्तिगत योग्यताओं के मापन का आधार
सामूहिक प्रयासों की प्रभावशीलता नियंत्रण में सुविधा
मानवीय प्रयासों का समुचित उपयोग तकनीकी सुधारों का समुचित उपयोग
बहुआयामी संगठन के उद्देश्य
संगठन प्रणाली विभिन्न संघटकों से निर्मित होता है।
श्रम विभाजन मानव समूह
भौतिक साधन वातावरण
अधिकार सत्ता संचार व्यवस्था
संबंधों का ढांचा
बहुआयामी संगठन क्षेत्र एवं प्रकृति
(1) यह एक गतिशील क्रियात्मक प्रक्रिया है।
(2) यह सहकारी प्रयासों की एक व्यवस्था है।
(3) यह परस्परवादी चलों का समूह है।
(4) यह प्रबन्ध का कार्य, साधन एवं शरीर रचना है।
(5) इसमें सदस्यों के अधिकारों व कार्य क्षेत्र की सीमा स्पष्ट होती है।
(6) संगठन यांत्रिक नहीं है, न ही एक संकलन है। यह एक मानवीय एवं जैविक व्यवस्था भी है।
(7) संगठन व्यक्तियों का समूह है।
(8) इसमें सदस्यों के कार्यकारी सम्बन्ध निश्चित होते हैं।
(9) यह एक प्रबन्धकीय क्रिया है जो चक्रीय है, न कि एक दैनिक घटित होने वाली क्रिया।
(10) यह समूह एक कार्यकारी नेतृत्व के अन्तर्गत कार्य करता है।
(11) आधुनिक संगठन सामाजिक सम्बन्धों की प्रणाली है।
(12) इसमें सदस्यों की पद-स्थितियाँ, भूमिकाएँ एवं औपचारिक सत्ता भी निश्चित होती है।
बहुआयामी संगठन के प्रकार
किसी भी उपक्रम के संगठन का निर्माण करने के लिए जो आवश्यक कदम उठाये जाते हैं, वे निम्न प्रकार से हैं –
उद्देश्यों का निर्धारण करना कार्यों को परिभाषित करना
कर्मचारियों के मध्य कार्य का विभाजन समन्वय
क्रियाओं को श्रेणीबद्ध करना व्युत्पन्न उद्देश्यों, नीतियों तथा योजनाओं का निर्माण
क्रियाओं का उपलब्ध मानवीय एवं भौतिक साधनों की दृष्टि से श्रेणीबद्ध करना
क्रियाओं की विभिन्न श्रेणियों का परस्पर गठबन्धन अधिकारों का प्रत्यायोजन
बहुआयामी संगठन सिद्धान्त
संगठन के सिद्धान्त निम्न हैं:-
उद्देश्य का सिद्धान्त समन्वय का सिद्धान्त
विशिष्टीकरण का सिद्धान्त अधिकार का सिद्धान्त
उत्तरदायित्व का सिद्धान्त व्याख्या का सिद्धान्त
आदेश की एकता का सिद्धान्त अनुरूपता का सिद्धान्त
नियंत्रण के विस्तार का क्षेत्र संतुलन का सिद्धान्त
निरन्तरता का सिद्धान्त अधिकार प्रत्यायोजन का सिद्धान्त
सरलता का सिद्धान्त लोचशीलता का सिद्धान्त
न्यूनतम सत्ता-स्तरों का सिद्धान्त अनुरूपता का सिद्धान्त
पदाधिकारियों से सम्पर्क का सिद्धान्त निश्चितता का सिद्धान्त
बहुआयामी संगठन कार्य
समन्वय सरलता
स्पष्टता स्थायित्व
उद्देश्यों के प्रति सजगता संतुलन
प्रयासों की मितव्ययिता प्रभावी निर्णयन
कार्यान्वयन में सुविधा