आजमगढ़।हाल ही में प्रदेश भर में यूपी के राजकीय पक्षी सारस की गिनती हुई। आजमगढ़ में भी हुई। उस समय जिले में कार्यरत वन कर्मियों द्वारा ताल-तलैया की खाक छानी गई लेकिन सारस पक्षी के दर्शन भी नहीं हुए। इसके बाद वन विभाग द्वारा जनपद को सारस पक्षी विहीन होने की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई। लेकिन बुधवार को सगड़ी तहसील में सारस भी दिखा। इतना ही नहीं सारस को जब कुत्तों ने घेर लिया तो एक स्थानीय निवासी निखिल ने उसे कुत्तों के हमले से बचाया। सारस भी अपने रक्षक को पहचान कर उसके पीछे-पीछे चल दिया।
विशाल सारस को यों निखिल के पीछे चलते देख पूरा गांव हैरान रह गया। यह खबर जैसे ही गांव वालों को पता चली निखिल के दरवाजे पर गांव के लोगों की भीड़ जमा हो गई। क्षेत्र में इस विशालकाय पक्षी के पहुंचने की खबर फैली और तमाम क्षेत्रवासी इस अजूबे दृश्य को देखने के लिए कपसा गांव पहुंच गए। मेहमान परिंदा अपनी जान बचाने वाले निखिल के साथ चहल कदमी कर रहा है और उसके साथ सेल्फी खींचने वाले युवाओं की भीड़ लगी हुई है।
आजमगढ़ से लगभग 16 किलोमीटर दूर मंदुरी एयरपोर्ट क्षेत्र के कपसा गांव के निवासी स्वर्गीय पारस दुबे के पुत्र निखिल सूरत में प्राइवेट नौकरी करते हैं। 10 दिन पहले वह गांव लौटे थे। बुधवार की सुबह करीब पांच बजे वह नींद खुलने पर घर से बाहर निकले। इस दौरान घर के पीछे कुत्तों के लगातार भौंकने पर वहां गए और देखा कि खेत में विशालकाय सारस पक्षी को आवारा कुत्तों ने घेर रखा था। यह देख देख निखिल उस ओर दौड़ पड़े और किसी तरह सारस पक्षी को कुत्तों से बचाने में कामयाब रहे। खेत में मौजूद इस विशाल पक्षी को देखने के लिए उन्होंने गांव के लोगों को आवाज दी और देखते ही देखते वहां काफी संख्या में लोग जुट गए। हर कोई इस विशाल पक्षी को कौतूहल भरी निगाह से देखने लगा।
मौके पर जमा भीड़ के बीच मौजूद निखिल को अपना दोस्त मान चुके सारस ने भी साहस का परिचय दिया और निखिल के नजदीक आकर खड़ा हो गया। इसके बाद आगे-आगे निखिल और पीछे-पीछे सारस चलने लगा। लोग घर के दरवाजे पर पहुंचे निखिल के पीछे चल रहे सारस को देखने लगे और वीडियो बनाने लगे।
इस पक्षी के बारे में पुलिस और वन विभाग को सूचना दी गई। कुछ समय बाद मौके पर पहुंचे 112 नंबर पुलिस सेवा में तैनात पुलिसकर्मी ने इस पक्षी के बारे में फोन पर संबंधित लोगों को जानकारी दी। इसके बाद सारस के दोस्त बन चुके निखिल को वन विभाग के लोगों के पहुंचने तक उसकी देखभाल करने की जिम्मेदारी सौंप वापस लौट गए। अब इस बेजुबान पक्षी की देखभाल में जुटे निखिल वन विभाग के लोगों के आने का इंतजार कर रहे हैं।