प्रयागराज : यूपी बोर्ड ने वर्ष 2023 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा, बिना पुनर्परीक्षा के संपन्न कराकर 30 वर्ष का रिकार्ड तोड़ने के बाद अब अंकपत्र / प्रमाणपत्र संशोधन के मामले में नया कीर्तिमान बनाया है। अंकपत्र / प्रमाणपत्र संशोधन के लिए क्षेत्रीय कार्यालयों में लगने वाली भीड़ खत्म करने के लिए यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने नई पहल कर जिलों में कैंप लगवाए। इसमें बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों के अफसरों ने लंबित 59,860 मामलों के निस्तारण के लिए पत्रजात जुटाए और अंकपत्र संशोधित कराकर बैकलाग खत्म कर दिया। इसमें 38 वर्ष से लंबित प्रकरण भी निस्तारित कर सभी संशोधित अंकपत्र / प्रमाणपत्र माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट upmsp.edu.in पर आनलाइन कर दिया गया।
इन क्षेत्रीय कार्यालयों के इतने मामले निस्तारित
समयबद्धता और पारदर्शिता के साथ कार्य संपन्न करने की सरकार की मंशा पर बोर्ड ने अभियान चलाकर मेरठ क्षेत्रीय कार्यालय में लंबित सर्वाधिक 24,512, बरेली में 5,188, प्रयागराज में 8,356, वाराणसी में 18,591 एवं गोरखपुर क्षेत्रीय कार्यालय में 3,213 अंकपत्र/ प्रमाणपत्र संशोधित कराए। पांचों क्षेत्रीय कार्यालयों को मिलाकर कुल 59,860 मामले निस्तारित हुए । सर्वाधिक मामले वर्ष 2010 से 2017 तक के हैं। इनके निस्तारण के लिए नोटिस देने के बावजूद साक्ष्य नहीं उपलब्ध कराए जाने पर बोर्ड साक्ष्य जुटाने खुद जिलों में गया। सबसे पुराना प्रकरण मेरठ में हाईस्कूल परीक्षा वर्ष 1984 के परीक्षार्थी संजय कुमार का था, जिसमें पिता के नाम की स्पेलिंग में त्रुटि थी ।
संशोधनके मामले में क्या कहा बोर्ड सचिव ने
“अंकपत्र / प्रमाणपत्र संशोधन के पुराने प्रकरण निस्तारित करने के बाद अब नए मामले आनलाइन निस्तारित किए जाएंगे। इसके लिए पोर्टल बनाया जा रहा है, जिसमें प्रकरण को ट्रैक करने की भी व्यवस्था रहेगी। नई व्यवस्था में आवेदन, उससे संबंधित साक्ष्य / अभिलेख, सत्यापन व निस्तारण आनलाइन होंगे। निर्धारित समय में संशोधन न होने पर संबंधित कर्मचारियों/ अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी।”
– दिव्यकांत शुक्ल, सचिव यूपी बोर्ड |