लखनऊ :उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति व जनजाति के कक्षा 9 व 10 के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति अब 3000 रुपये से बढ़ाकर 3500 रुपये सालाना कर दी गई है। इन छात्रों को लाभ देने के लिए आयुसीमा भी 12-20 वर्ष तक निर्धारित कर दी गई है। वहीं, दशमोत्तर कक्षाओं (दस से ऊपर) में योजना का लाभ लेने के लिए छात्र तभी पात्र माने जाएंगे, जब पिछली कक्षा में उनके न्यूनतम 50 फीसदी अंक हों।

राज्य सरकार ने छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना की नई नियमावली को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार कक्षा 9 व 10 में एससी- एसटी छात्रों की छात्रवृत्ति पहले ही बढ़ाकर 3500 रुपये सालाना कर चुकी है। उन्हीं दरों को यूपी ने भी स्वीकार कर लिया गया है। पहली बार एससी-एसटी छात्रों के साथ अस्वच्छ पेशे में शामिल रहे परिवारों के छात्रों को भी एक श्रेणी के तहत इस लाभ के दायरे में लाया गया है। योजना का लाभ हर वर्ष करीब 50 लाख से ज्यादा छात्र पाते हैं।

दशमोत्तर कक्षाओं में 40 साल से अधिक आयु के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई योजना का लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि, यह आयुसीमा शोध छात्रों पर लागू नहीं होगी। कोई भी अकादमिक पाठ्यक्रम (बीए, बीएससी, बीकॉम) बीच में छोड़कर उसी के समकक्ष दूसरे व्यावसायिक पाठ्यक्रम (बीटेक, एमबीबीएस आदि) में दाखिला लेने पर योजना का लाभ दिया जाएगा, बशर्ते दूसरे पाठ्यक्रम में वैधानिक प्रवेश परीक्षा के जरिये दाखिला लिया हो अब तक दूसरे पाठ्यक्रम में दाखिला लेने पर पहले वर्ष में लाभ नहीं मिलता था।

मैनेजमेंट कोटे वालों को नहीं मिलेगा लाभ

प्रवेश परीक्षा के बिना मैनेजमेंट कोटे में दाखिला लेने वालों को छात्रवृत्ति या शुल्क भरपाई नहीं होगी। बायोमीट्रिक हाजिरी की व्यवस्था को चरणबद्ध ढंग से लागू किया जाएगा। यह व्यवस्था वर्ष 2025 से अनिवार्य की जाएगी।

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