उत्तर प्रदेश जनपद बिजनौर

बिजनौर में भ्रष्टाचार निवारण संगठन मुरादाबाद की टीम ने नगीना में चकबंदी विभाग में तैनात एक लेखपाल को 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। बताया जा रहा है कि लेखपाल ने जमीन का दाखिल खारिज करने के नाम पर रिश्वत ली थी। आरोपी लेखपाल के खिलाफ नगीना थाने में केस दर्ज कर टीम ने नगीना पुलिस के सुपुर्द कर दिया।

दरअसल यह पूरा मामला बिजनौर के नगीना थाना क्षेत्र का है। जहां धामपुर के सुहागपुर के रहने वाले ऋषि पाल ने बताया कि उसकी बेटे की पत्नी रंजना पत्नी नवीन निवासी मोहल्ला खतियान ने रामनाथ से 3 जुलाई को 1, 92 हेक्टेयर खेती को जमीन खरीदी थी। जिसका दाखिल खारिज कराने के लिए चकबंदी लेखपाल जगपाल सिंह गांव लुहारवाली से संपर्क किया।
आरोप है कि लेखपाल ने दाखिल खारिज करने के नाम पर 20 हजार रुपए की मांग की। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पैसे कम देने के लिए कहा तो लेखपाल ने दाखिल खारिज लटका दिया। ढाई महीने से दाखिल खारिज नहीं हुआ। जमीन मालिक ने बाद में पैसे देने को कहा साथ ही पीड़ित पक्ष ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन मुरादाबाद इकाई से संपर्क किया। टीम ने लेखपाल को रंगे हाथ पकड़ने का प्लान तैयार किया और सोमवार को लेखपाल ने उन्हें तहसील के पास स्थित सेवावाली गांव में जगदीश के मकान पर पैसे लेकर बुलाया।
तभी तय प्लान के मुताबिक, एंटी करप्शन ट्रैप टीम प्रभारी निरीक्षक नवल मारवाह के नेतृत्व में आसपास पहुंच गई। ऋषिपाल ने लेखपाल को उसके कमरे में पैसे ले जाकर दे दिए। तभी पीछे से एंटी करप्शन की टीम कमरे में पहुंची और लेखपाल को पकड़ लिया। टीम लेखपाल को हिरासत में लेकर नगीना थाने पहुंची और उसे नगीना पुलिस के हवाले कर दिया।

नगीना थाने में तहरीर के आधार पर लेखपाल जगपाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। नगीना थाना प्रभारी निरीक्षक रविंद्र वशिष्ठ ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। विधिक कार्रवाई की जा रही है। एंटी करप्शन टीम में निरीक्षक इश्तियाक दरोगा विजय कुमार शामिल रहे।

ब्यूरो चीफ मोहम्मद फैज़ान की रिपोर्ट

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