लखनऊ । प्रदेश की योगी सरकार छात्रवृत्ति के नाम पर होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए आधार आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य करने जा रही है। अगले साल से सभी स्कूल और कॉलेजों में इसे अनिवार्य रूप से लागू करने की तैयारी है। समाज कल्याण विभाग इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जल्द जारी करने जा रहा है।
फर्जीवाड़े से बचने और पात्रों को लाभ हेतु की जा रही व्यवस्था
समाज कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि राज्य सरकार पात्र छात्रों को हर संभव सुविधा देना चाहती है इसीलिए छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था की जा रही है। इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने के लिए दो साल का समय दिया गया है। इसे लागू करने के लिए समय सारिणी जारी कर दी गई है।
75% उपस्थिति होगी अनिवार्य
राज्य सरकार हर साल करीब 50 लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान करती है। दशमोत्तर कक्षा 11 से ऊपर) छात्रवृत्ति पाने के लिए समाज कल्याण विभाग ने कक्षाओं में विद्यार्थियों की 75 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति अनिवार्य है। इससे कम उपस्थिति पर छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिलता है। पहले चरण में सभी बड़े सरकारी व निजी विश्वविद्यालयों में यह व्यवस्था लागू होगी।