प्रयागराज : राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के परिप्रेक्ष्य में उत्तर प्रदेश में 2024-25 सत्र से चार साल का नया स्नातक विद स्पेशलाइजेशन पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी तेज हो गई है। खास बात यह है कि नए कोर्स में क्रेडिट और विषय कम किए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में 2021 से लागू एनईपी 2020 की संरचना में प्रति सेमेस्टर 24 और साल में 48 क्रेडिट पढ़ने पड़ते हैं जबकि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से जारी गाइडलाइन में प्रति सेमेस्टर 20 और पूरे साल में 40 क्रेडिट की ही पढ़ाई का प्रावधान है।
यूपी में चार वर्षीय पाठ्यक्रम लागू करने के लिए गठित समिति की सदस्य और हेमवती नंदन बहुगुणा राजकीय पीजी कॉलेज नैनी में गृह विज्ञान विभाग की अध्यक्ष प्रो. नीतू सिंह के अनुसार पिछले दो वर्षों में छात्रों और शिक्षकों के स्तर से भी यह महसूस किया जा रहा है कि छात्रों पर क्रेडिट का बोझ ज्यादा है और उसे कम किया जा सकता है। लिहाजा समिति की अध्यक्ष आगरा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. आशु रानी ने यूजीसी के अनुरूप क्रेडिट कम करने को कहा है।
कम होंगे विषय और क्रेडिट
एनईपी 2020 की राज्य स्तरीय पाठ्यक्रम सुपरवाइज़री समिति की भी सदस्य रहीं प्रो. नीतू सिंह ने बताया कि पहले प्रथम दो वर्षों में प्रति सेमेस्टर तीन मेज़र, एक कोकरिक्यूलर, एक वोकेशनल तथा एक माइनर प्रति वर्ष था। इस प्रकार एक वर्ष में ग्यारह पेपर पढ़ने होते थे। संशोधित पाठ्यक्रम में एक मेजर विषय कम होने से मात्र नौ पेपर प्रति वर्ष पढ़ना होगा। यानी सत्र 2024-25 से प्रति सेमेस्टर दो मेजर एक वोकेशनल एक कोकरिक्यूलर तथा एक माइनर प्रति वर्ष पढ़ना होगा।
अंतिम वर्ष में पसंदीदा विषय से कर सकेंगे स्पेशलाइजेशन
नए स्नातक विद स्पेशलाइजेशन पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में छात्र-छात्राओं को तीन विकल्प मिलेंगे। चौथे साल में या तो अप्रेंटिसशिप कर सकते हैं या अपनी पसंद के विषय से स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। रिसर्च से स्पेशलाइजेशन का भी विकल्प मिलेगा।
कुलपतियों से मांगा गया सुझाव
चार वर्षीय पाठ्यक्रम पर उच्च शिक्षा निदेशक और सभी राज्य व निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति को नए चार वर्षीय पाठ्यक्रम का मसौदा भेजकर सुझाव मांगा गया है। शासन के विशेष सचिव गिरिजेश कुमार त्यागी ने 13 सितंबर के पत्र में साफ किया है कि मॉडल ड्राफ्ट पर कोई सुझाव या अभिमत नहीं देने पर उनकी सहमति मानी जाएगी।