रिपोर्ट:ज्ञानेंद्र तिवारी पत्रकार लखीमपुर खीरी डीएनए लखीमपुर खीरी
बरसात के साथ तेज़ आँधी ने क्या सितम ढाया है आज बे मौसम बरसात के चलते शहर की भीगी सड़के बता रही है कि मौसम कैसा सुहाना आया है वही बेमौसम बरसात के चलते गाँव मे भीगी पलके बता रही है कि मेरा क्या क्या गया है गन्ने की खड़ी फसल बरसात के साथ आई तेज़ आँधी में चारो तरफ बिखर गई है वही खेत में खडी पकी धान की फसल गिर कर भीग कर बेदाना हुई जा रही है किसानों के चेहरे पर मायूसी की शिकन है लेकिन फिर जिये जा रहे है
सरकार के द्वारा मिलने वाला मुआवजा जैसे ऊँट के मुँह में जीरा
ऐसा नहीं है सरकार किसानों की हितैसी नही है सरकार किसानों के हित में हमेशा रहती है लेकिन रत्ती भर मुआवजा के नाम पर कई बीते वर्षो में मैने देखा है कि कई कई बीघे नुकसान के बदले मात्र ढांढस भर सहायता की जाती है वाकी का क्या है सब कुछ रामभरोसे है।।